ओवैसी को मिल गया एक और साथी, बदल सकते हैं राजस्थान का राजनीतिक समीकरण

असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली AIMIM को राजस्थान की राजनीतिक जमीन में खुद को स्थापित करने के लिए भारतीय ट्रायबल पार्टी (बीटीपी) के रूप में एक मजबूत साथी दिखा है। AIMIM कांग्रेस से अपना समर्थन वापस लेने की घोषणा कर चुकी राजस्थान की बीटीपी के साथ मिलकर राजस्थान विधानसभा चुनाव में शिरकत कर सकती है। हालांकि, इसपर अभी कोई आधिकारिक मुहर नहीं लगी है।

ओवैसी ने भेजा गठबंधन का न्यौता

दरअसल, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM और बीटीपी के बीच साथ मिलकर राजस्थान चुनाव लड़ने के अनुमान जताए जा रहे हैं। हालांकि, बीटीपी ने इस कयास को दरकिनार कर दिया है और ओवैसी की AIMIM के साथ किसी भी तरह के गठबंधन से इंकार कर दिया है। प्रदेश में बीटीपी के दो विधायक है। माना जा रहा है कि बीटीपी के किसी भी राजनीतिक पार्टी से गठबंधन प्रदेश में बड़ा उलटफेर कर सकता है।

यह कयास ओवैसी के उस ट्वीट के बाद लगाए जा रहे हैं, जिसमें उन्होंने बीटीपी को न्यौता दिया है। ओवैसी ने अपने ट्वीट में कांग्रेस और बीजेपी को एक बताते हुए बीटीपी को किंगमेकर बताया है। इसके साथ ही इस संघर्ष में उसका साथ देने की बात कहकर गठबंधन का न्यौता भी दे दिया है।

ओवैसी ने बीटीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष छोटूभाई वासवा के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा कि “वसावाजी कांग्रेस आपको और मुझको सुबह-शाम विपक्षी एकता का पाठ पढ़ाएगी। लेकिन खुद जनेऊधारी एकता से ऊपर नहीं उठेगी। ये दोनों एक हैं। आप कब तक इनके सहारे चलोगे ? क्या आपकी स्वतंत्र सियासी ताकत किसी किंगमेकर होने से कम है ? उम्मीद है कि आप जल्द ही एक सही फैसला लेंगे। हिस्सेदारी के इस संघर्ष में हम आपके साथ हैं”।

उधर, बीटीपी के प्रदेशाध्यक्ष वेलाराम घोघरा का कहना है कि आदिवासी क्षेत्र के मुद्दों पर कोई हम से जुड़ सकता है। सोशल मीडिया पर कुछ लिखने से कोई किसी पार्टी से नहीं जुड़ जाता है। मुद्दों के आधार पर भविष्य में कोई सामंजस्य हो सकता है। उन्होंने कहा किसी पार्टी के जुड़ना या उसमें विलय करना जैसा कोई प्लान नहीं है। जब कांग्रेस ही बीटीपी के साथ धोखा कर सकती है तो अब किसी पर विश्वास करना मुश्किल है।

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