बीजेपी लगातार गौ वध की खिलाफत करती रही है और इस पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठा रही है। इसी क्रम में अब कांग्रेस ने भी गौ वध को रोकने के लिए बीजेपी को नई सलाह दी है। दरअसल, गोवा कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि अगर बीजेपी जिस राज्य में सत्ता में है, वहां गौ वध पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रतिबद्ध है, तो फिर भाजपा के नेतृत्व वाली मोदी सरकार को गोमांस के निर्यात पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए।
गौ वध को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी सरकार से की यह अपील
पणजी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए विपक्षी पार्टी के मीडिया सेल के संयोजक ट्रेजानो डी मेलो ने कहा कि कर्नाटक राज्य विधानसभा में गौ वध पर प्रतिबंध लगाने के कड़े कानून के पारित होने के मद्देनजर अब जल्द ही गोवा में गोमांस की आपूर्ति कम हो जाएगी।
गोवा अपनी खपत का लगभग सारा गोमांस कर्नाटक से मंगाता है। यह जिंदा मवेशियों और उनके मारे जाने के बाद बीफ के रूप में आयात होता है।
डी मेलो ने कहा कि भारत दुनिया में गोमांस का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है और अगर भाजपा की नीति बैल और भैंस के वध पर प्रतिबंध लगाने की है, तो सबसे पहले उन्हें गोमांस के निर्यात पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। राज्यों में सार्वजनिक खपत के लिए गौ वध पर प्रतिबंध लगाना और गोमांस निर्यात को बढ़ावा देना पाखंड है।
डी मेलो के अनुसार, गोवा में हर रोज लगभग 25 टन गौमांस की खपत होती है। गोमांस की मांग पर्यटन सीजन के दौरान और बढ़ जाती है, जो अक्टूबर से मार्च तक रहता है। लाल मांस आमतौर पर पर्यटकों द्वारा खाया जाता है, साथ ही साथ राज्य में अल्पसंख्यक समुदायों से जुड़े लोग भी इसका सेवन करते हैं, जो कि राज्य की कुल आबादी का 30 प्रतिशत से अधिक हैं।
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राज्य में गोमांस विक्रेताओं ने पहले ही कर्नाटक में नए कानून पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि तटीय राज्य में गोमांस की बिक्री पर गहरा असर पड़ेगा और यहां यह बिल्कुल ही खत्म (ड्राई) हो जाएगा। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से क्रिसमस के मौसम के उनकी बिक्री पर नकारात्मक असर होगा, क्योंकि इस दौरान पर्यटकों की ओर से लाल मांस की खास मांग रहती है।
डी मेलो ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी के अधिकांश विधायक और मंत्री गोमांस खाने वाले हैं। क्या वे राज्य के बाजारों से गोमांस के खत्म की आशंकाओं के बारे में सुन रहे हैं।