कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा जारी आंदोलन अब वृहद रूप ले चुका है। 16 दिनों से जारी इस आंदोलन में किसान बराबर कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। केंद्र की सत्तारूढ़ मोदी सरकार किसानों के इस आंदोलन को ख़त्म करने की कोशिश में लगी हुई है। इसी क्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने एक बार फिर किसानों को प्रस्ताव दिया है।
कृषि मंत्री ने किसानों को दिया ये सुझाव
दरअसल, कृषि मंत्री ने कहा कि कहा कि हम किसानों की समस्याओं पर विचार कर रहे हैं। कई बिंदुओं पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने किसानों से पूछा कि एपीएमसी को सुदृढ़ बनाने के लिए क्या करना चाहिए, इस पर किसानों ने कोई जवाब नहीं दिया, वह चुप हो गए।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि हमने किसानों को जो सुझाव भेजे हैं, उसमें एपीएमसी मंडी के बाहर प्राइवेट मंडियों के रजिस्ट्रेशन को लेकर किसानों के डर को दूर किया गया है। राज्य सरकारों को अधिकार है कि वह प्राइवेट मंडियों के रजिस्ट्रेशन और टैक्स पर फैसला ले सकती हैं। हम एसडीएम कोर्ट की जगह न्यायिक कोर्ट के रास्ते खोलने पर विचार कर सकते हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि ट्रेडर्स का पैन कार्ड के जरिए रजिस्ट्रेशन के विवाद को राज्य सरकारें सुलझा सकती हैं और वह अपने नियम से ट्रेडर्स का रजिस्ट्रेशन करा सकती हैं। पराली अध्यादेश का भी हम किसानों के हिसाब से समाधान करेंगे। बिजली को लेकर पहली की व्यवस्था रहने का वादा किया गया है। सब प्रस्ताव हमने भेज दिया है।
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केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि उन्हें गतिरोध तोड़ना चाहिए, सरकार ने आगे बढ़कर प्रस्ताव दिया है, सरकार ने उनकी मांगों का समाधान करने के लिए प्रस्ताव भेजा है। किसी कानून के प्रावधान पर चर्चा होती है, हमने प्रस्ताव भेजा है। मेरी अपील है कि आंदोलन को खत्म करके वार्ता का रास्ता अपनाना चाहिए।