अभी तक सभी विपक्षी पार्टियां किसान आंदोलन को हथियार बनाकर केंद्र की सत्तारूढ़ मोदी सरकार के खिलाफ हमलावर नजर आ रही थी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनका दल तृणमूल कांग्रेस भी विपक्षियों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही थी। लेकिन अब किसान आंदोलन को लेकर विपक्ष की यह एकता खंडित होती नजर आ रही है। दरअसल, ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने भारत बंद को समर्थन करने से किनारा कर लिया है।
तृणमूल कांग्रेस ने लिया बड़ा फैसला
तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि वह भारत बंद का समर्थन नहीं करेगी। पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को इससे दूर रहने के लिए कहा है। तृणमूल संसद में कृषि कानूनों के विरोध में सबसे मुखर रहने वाली विपक्षी पार्टियों में से एक है। इसने किसानों की ओर से जताए जा रहे विरोध प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया है, लेकिन मंगलवार के भारत बंद के साथ नहीं जाने का फैसला किया है।
पार्टी सांसद सौगत राय ने सोमवार को कहा कि तृणमूल किसानों के साथ एकजुटता से खड़ी है, लेकिन पार्टी पश्चिम बंगाल में भारत बंद का समर्थन नहीं करेगी, क्योंकि यह हमारे सिद्धांतों के खिलाफ है।
इससे पहले, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने ट्वीट किया था कि मैं किसानों, उनके जीवन और आजीविका के बारे में बहुत चिंतित हूं। भारत सरकार को किसान विरोधी विधेयकों को वापस लेना चाहिए। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो हम तुरंत पूरे राज्य और देश में आंदोलन करेंगे। हम शुरू से ही किसान विरोधी इन विधेयकों का कड़ा विरोध करते रहे हैं।
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बंद को कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, द्रमुक, राजद, पीएजीडी, राकांपा, भाकपा, माकपा, भाकपा-माले, आरएसपी और एआईएफबी जैसे विपक्षी दलों का समर्थन मिला है। रविवार को इन दलों के नेताओं द्वारा एक संयुक्त बयान जारी किया गया था, जिसमें बंद का समर्थन करने की बात कही गई थी। इसके अलावा बसपा, शिवसेना और टीआरएस ने भी इस भारत बंद का समर्थन किया है।