लखनऊ। सारे देश का पेट भरने वाला अन्नदाता आज अपनी माँग को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन करने को मजबूर है। केंद्र सरकार के काले कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन को जायज ठहराते हुए आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी और राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की वो प्रदेश के हर उस आंदोलन का हिस्सा बने जहां किसान अपने हक़ की लड़ाई लड़ रहे है।
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सड़क पर प्रदेश का किसान और हैदराबाद में रोड शो कर रहे है आदित्यनाथ: संजय सिंह
रविवार को उत्तर प्रदेश प्रभारी व राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने एक प्रेस स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा कि किसानों को उनकी फसल का सही दाम मिलने पर वो सड़कों पर उतर कर केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रही है। वही मोदी सरकार किसानों की मांग मानने के बजाए, उन पर अत्याचार कर आंदोलन को कुचने का प्रयास कर रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है और दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों का स्वागत किया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के कायकर्ताओं से अपील की है कि प्रदेश में जहां भी किसानों का आंदोलन हो रहा वहां किसानों के समर्थन के लिए जरूर जाए।
उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में किसानों के साथ अन्याय हो रहा है। उन्हें अपनी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने एमएसपी खत्म करके अन्नदाता देश के करोड़ों किसानो के साथ धोखा किया है। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश का किसान सड़कों पर लाठियां खा रहा है। यूपी का किसान 1000-800 रुपये क्विंटल अपना धान बेचने के लिये दर-दर की ठोकरें खा रहा है। आम आदमी पार्टी मानती है किसानों की मांग जायज है, आम आदमी पार्टी इसका पूर्ण रूप से समर्थन करती है। ऐसे में केंद्र सरकार किसान बिल को वापस ले।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपनी फसल बेचने को लेकर और इस काले कानून के खिलाफ किसान सड़को पर है और सूबे के मुख्यमंत्री हैदराबाद में रोड शो कर रहे है। उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र के लिए बहुत ही बुरा दिन था, जब सदन में ये बिल ध्वनि मत से पास किया गया था। राज्यसभा में अल्पमत में होते हुए भी बीजेपी ने ध्वनि मत से विधेयक इसलिए पारित कर दिया क्योंकि वे जानते थे कि इस पर मत विभाजन होने से बिल गिर पड़ता और सरकार की बेइज्ज़ती होती। सदन में इन विधेयकों का पास कर मोदी जी ने किसानों के डेथ वारंट पर दस्तख़त करने का काम किया है। इसलिए आम आदमी पार्टी इस बिल का विरोध करती है।