पिछले काफी समय से भारत का पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान से तनातनी चल रही है। हालांकि, इसी तनातनी के बीच भारत अपनी ताकत भी बराबर बढ़ाता जा रहा है। अभी बीते दिनों जहां फ्रांस के खरीदे गए राफेल लड़ाकू विमानों ने देश की वायु सेना को मजबूत किया, वहीं अब भारत ने सबसे खतरनाक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के लैंड अटैक वर्जन का सफल परीक्षण कर अपनी ताकत को और बढ़ा लिया है।
चीन के दक्षिणी हिस्से पर भी मंडराने लगेगा खतरा
दरअसल, भारत ने मंगलवार को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के लैंड अटैक वर्जन का सफल परीक्षण किया। इस मिसाइल का परीक्षण सुबह करीब 10 बजे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के एक अज्ञात द्वीप से किया गया। इस द्वीप से एक अन्य द्वीप के तय टारगेट को निशाना बनाया गया और इस मिसाइल का परीक्षण करते हुए उसे ध्वस्त कर दिया गया।
इस मिसाइल के परीक्षण का मकसद था मिसाइल के रेंज को बढ़ाना। जमीन से जमीन पर मार करने वाली इस मिसाइल की रेंज को बढ़ाकर 400 किलोमीटर किया गया है। इस मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद सोशल मीडिया पर भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) को बधाइयां मिलने लगी हैं। लोग डीआरडीओ के रक्षा वैज्ञानिकों की इस सफलता की तारीफ कर रहे हैं।
आपको बता दें कि ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 28 फीट लंबी है, जिसमें 200 किलोग्राम तक के पारंपरिक और परमाणु हथियार लगाए जा सकते हैं। इस मिसाइल के माध्यम से 300 से लेकर 800 किलोमीटर तक की दूरी के टारगेट को अचूक निशाना बनाया जा सकता है। इस मिसाइल की घातक गति इसे अन्य मिसाइलों से अलग बनाती है। यह 4300 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से अपने टारगेट को नेस्तानाबूत करने की क्षमता रखती है।
बताया जा रहा है कि चीन के पड़ोसी देश वियतनाम ने भारत से इस मिसाइल को खरीदने की इच्छा जताई थी। चूंकि इस मिसाइल को भारत ने रूस के साथ मिलकर बनाया है, इसलिए इसके निर्यात के लिए रूस की रजामंदी भी आवश्यक थी। हालांकि अब रूस ने भी इस मिसाइल के निर्यात को हरी झंडी दे दी है। इस हरी झंडी के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि वियतनाम की सुरक्षा में भी ये शानदार मिसाइल तैनात हो सकेगी और इससे दक्षिण चीन भी खतरे की रडार में आ जाएगा।
अगर यह डील होती है तो भारत को अगले पांच साल में 5 अरब डॉलर का निर्यात करना होगा। ब्रह्मोस के एक अधिकारी ने मॉस्को में बताया था कि अनुमति देने का कदम भारत और रूस के सामरिक रिश्तों और रक्षा सहयोग को नई ऊचाइंयों पर ले जाएगा। साल 2018 में तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा था कि दुनिया के कई देश भारतीय मिसाइल खरीदने के इच्छुक हैं। कई देशों ने भारतीय मिसाइलों में अपनी रुचि दिखाई है। इनमें से वियतनाम भारत से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल खरीदना चाहता है।
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आपको बता दें कि चीन से करीब 8-9 महीने से सीमा विवाद और तनातनी के बीच पिछले कुछ दिनों में भारत ने कई मिसाइलों, टॉरपीडो, एंटी-मिसाइल सिस्टम आदि का सफल परीक्षण किया है।