लखनऊ। शादियों की लगन शुरू हो चुकी है। कोरोना का संकट भी फिर से बढ़ गया है। ऐसे में शासन की ओर से शादी समारोहों के लिये कुछ गाइडलाइन निश्चित की गई है। उसको पालन करने के लिये लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। खबरों के मुताबिक शादी समारोह की अनुमति लेने के लिये जिलों के मजिस्ट्रेटों को अधिकार दिये गये हैं। यहां लोगों को निर्धारित प्रारूप भरने के बाद ही आयोजन की अनुमति दी जा रही है। शहरी क्षेत्रों से सबसे अधिक शादियों के आवेदन मजिस्ट्रेटों के पास पहुंच चुके हैं।
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कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए शादी समारोहों में अतिथियों की संख्या 100 निर्धारित की गई है। पहले यह संख्या 200 थी। इसके साथ ही शादी समारोह में पुलिस और प्रशासन की अनुमति भी लेना अनिवार्य किया गया है।
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कलेक्ट्रेट पर लगी लम्बी लाइनें
25 नवंबर से शुरू हो रहे सहालग के चलते अनुमति लेने वालों की संख्या कलक्ट्रेट में बढ़ गई है। पूर्व में संबंधित मजिस्ट्रेट के यहां से फार्म भरकर, प्रार्थना पत्र, कार्ड, आधार कार्ड व 100 मेहमानों के नाम की सूची लगाकर आवेदन करना होता था। जिसके बाद संबंधित पुलिस चौकी व पुलिस थाने की रिपोर्ट लगने के बाद अनुमति जारी हो रही थी। पुलिस थाने की रिपोर्ट लगवाने को लेकर लोगों को ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।
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अलीगढ़ से मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार को जिला प्रशासन ने लोगों को राहत देते हुए थाने-चौकी की रिपोर्ट लगवाने की प्रक्रिया समाप्त कर दी है। अब संबंधित मजिस्ट्रेट के यहां ही निर्धारित प्रारूप भरकर देने के बाद अनुमति जारी होगी। जिसके बाद संबंधित थाने को अनुमति की प्रति भेज दी जाएगी। सोमवार तक शहर के सात थाना क्षेत्र इलाकों में स्थित बैंक्वेट हॉल, गेस्ट हाउस, होटल, धर्मशाला के लिए 500 से ज्यादा आवेदन पहुंच चुके हैं। यही हाल राजधानी लखनऊ व उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों व जिलों की है। कलेक्ट्रेटों में लंबी लाइनें लगी हुई हैं।