उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अफसरों की घोर लपरवाही के चलते सूबे के 17 चौराहों के ट्रैफिक सिग्नल की लाइट बिजली ने काट दी है। खबरों के मुताबिक करोड़ों रुपए की लागत से लखनऊ में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लगाए गए सिग्नल का बिल बकाया होने के कारण बिजली विभाग ने बिजली काट दी है। आपको बता दें कि हजरतगंज का मेफेयर चौराहा हो या फिर गोमती नगर का कैप्टन मनोज पांडे चौराहा हो, ऐसे 17 चौराहे पर लगे ट्राफिक सिग्नल बंद पड़े हैं। ऐसे में चौराहों के ट्रैफिक को सुचारू रूप से चलाने के लिए होमगार्ड और ट्रैफिक सिपाहियों को खड़ा किया गया है, ट्रैफिक ड्यूटी बढ़ा दी गई है।
आपको बता दें कि राजधानी लखनऊ में लगे सभी चौराहों के सिग्नल, स्मार्ट मीटर से संचालित होते हैं यानी बिजली का बिल जमा ना होने पर सिग्नल का बिजली कनेक्शन अपने आप कट जाएगा। बिजली का बिल जमा न होने के कारण ही 17 चौराहों के ट्रैफिक सिग्नल बंद पड़े हैं। ये वह चौराहे हैं जहां से लखनऊ स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के आला अधिकारी से लेकर पुलिस कमिश्नर, राज्यपाल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक निकलते हैं।
इन 17 चौराहा के बंद पड़े हैं सिग्नल…
हजरतगंज का मेफेयर चौराहा
आईटी चौराहा
राम राम बैंक चौराहा
कैप्टन मनोज पांडे चौराहा
हनीमैन चौराहा
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान चौराहा
सिकंदर बाग चौराहा
एलडीए मोड़ चौराहा
नीलम फार्मेसी चौराहा
कटाई पुल चौराहा
लाल बत्ती चौराहा
केकेसी चौराहा
बंदरिया बाग चौराहा
सीएमएस चौराहा
ग्वारी चौराहा
कठौता झील चौराहा और अब्दुल हमीद चौराहा।
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दरअसल राजधानी लखनऊ के 100 से अधिक चौराहों पर स्मार्ट मीटर वाले सिग्नल लगे हैं जिनका हर महीने ढाई से 3 लाख बिजली बिल आता है। बिजली बिल का भुगतान करने की जिम्मेदारी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से जुड़ी निजी कंपनी की है लेकिन स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर मॉनिटरिंग डीसीपी ट्रैफिक और जिला प्रशासन के अफसरों की रहती है। ऐसे में आखिरी बार अगस्त महीने का बिल जमा होने के बाद सितंबर और अक्टूबर महीने का बिल जमा नहीं हुआ, स्मार्ट मीटर रिचार्ज नहीं हो पाया और सिग्नल की सप्लाई अपने आप बंद हो गई। अब अफसर कह रहे 1 से 2 दिन में सारे सिग्नल चालू हो जाएंगे।