राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के 14 शहरों में 700 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। नगर विकास विभाग ने इस पर सहमति दे दी है। इलेक्ट्रिक बसों के चलने से बढ़ते हुए प्रदूषण में तेजी से कमी आएगी।
राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के 14 प्रमुख शहरों में इलेक्ट्रिक बसें चलाने का रास्ता साफ हो गया है। इन शहरों में चार चरणों में इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। 14 शहरों में इलेक्ट्रिक बसों की चरणबद्ध तरीके से आपूर्ति होगी। नगर विकास विभाग ने इस पर सहमति जता दी है।
प्रदेश की योगी सरकार बढ़ते हुए प्रदूषण को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक बसों के संचालन पर जोर दे रही है। इलेक्ट्रिक वातानुकूलित बसों की खास बात यह है कि इससे प्रदूषण कम होगा और लोगों को बेहतर सफर का मौका मिलेगा। इलेक्ट्रिक बसों को चार्ज करने के लिए अब चार्जिंग स्टेशन भी तेजी से बनाए जाएंंगे। नगर विकास विभाग ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिया है। इससे इलेक्ट्रिक बसों के संचालन में आने वाली बाधाएं दूर हो सकेंगी।
इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) कमेटी का गठन कर दिया गया है। एसपीवी जमीन चिह्नित करने का काम करेगी। इन चिह्नित जमीनों पर बसों के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। एसपीवी कमेटी में जिला अधिकारी (डीएम) द्वारा नामित अधिकारी, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी और परिवहन निगम के सेवा प्रबंधक को सदस्य बनाया जाएगा। चार्जिंग शेड के निर्माण के लिए जमीन चिह्नित करने, डीएम से मुफ्त जमीन लेने की अनुमति प्राप्त करना और इस पर चार्जिंग शेड के निर्माण की जिम्मेदारी कमेटी की होगी।
प्रदेश के 14 शहरों में चार चरणों में आएंगी इलेक्ट्रिक बसें
पहले चरण में आगरा में 100, अलीगढ़ में 25, मथुरा-वृंदावन में 50 बसें आएंगी। दूसरे चरण में
बरेली में 25, गाजियाबाद में 50, मेरठ में 50, मुरादाबाद में 25, शाहजहांपुर में 25 बसें आएंगी।तीसरे चरण में वाराणसी में 50, गोरखपुर में 25, लखनऊ में 100 बसें आएंगी। चौथे चरण में कानपुर में 100, झांसी में 25, प्रयागराज में 50 इलेक्ट्रिक बसें आएंगी। इसके बाद क्रमवार इन बसों का संचालन शुरू किया जाएगा।
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संयुक्त निदेशक ने कहा
नगरीय परिवहन निदेशालय के संयुक्त निदेशक अजीत सिंह ने शनिवार को बताया कि आने वाले महीनों में प्रदेश के 14 शहरों के लिए 700 नई इलेक्ट्रिक बसें आनी हैं। इन बसों के चलने से बढ़ते हुए प्रदूषण में कमी आएगी। उन्होंने बताया कि कोरोना काल के बाद अब नगरीय परिवहन के कार्य ने रफ्तार पकड़ी है। डिपो निर्माण कार्य तेजी से शुरू हो गए हैं।