कानपुर। भोगनीपुर कोतवाली के किसुनपुर गांव में 41 साल पहले हुई डाली गई डकैती के मामले में दस्यु से सांसद बनी फूलन के खिलाफ चल रहा एक मुकदमा मंगलवार को खत्म हो गया। स्पेशल जज डकैती कोर्ट ने उसकी मौत के साक्ष्यों का परीक्षण करने के बाद मुकदमा खत्म करने का आदेश दिया। फूलन को 20 साल पहले दिल्ली में मार दिया गया था, पुलिस को साक्ष्य जुटाकर अदालत तक पहुंचाने में इतने दिन लग गए।

डकैती का मुकदमा भोगनीपुर कोतवाली में 25 जुलाई 1980 को गुढ़ा का पुरवा, कालपी की रहने वाली दस्यु सुंदरी फूलन देवी, गौहानी के विक्रम मल्लाह और गिरोह के खिलाफ डकैती का मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले की सुनवाई स्पेशल जज डकैती सुधाकर राय की कोर्ट में चल रही थी। दस्यु विक्रम 12 अगस्त 1980 को पुलिस मुठभेड में मार दिया गया था। इसकी पुष्टि पर कोर्ट ने उसके खिलाफ चल रही कार्रवाई को 4 सितंबर 1998 को ही खत्म कर दी थी, लेकिन फूलन के खिलाफ 41 साल से अभी तक मुकदमा विचाराधीन था। सहायक शासकीय अधिवक्ता आशीष कुमार तिवारी ने बताया कि गुढ़ा के पुरवा के प्रधान का फूलन की मौत का प्रमाणपत्र आने, पुलिस रिपोर्ट, भोगनीपुर कोतवाली के पैरोकार मुनीष कुमार के बयानों और साक्ष्य परीक्षण के बाद कोर्ट ने मंगलवार को फूलन के खिलाफ चल रहा मुकदमा खत्म करने का आदेश कर दिया।
मौत के 20 साल बाद खत्म हुआ मुकदमा : दस्यु सुंदरी फूलन आत्मसमर्पण करने के बाद सांसद बनकर दिल्ली पहुंच गई। इसके बाद भी उसके खिलाफ भोगनीपुर में दर्ज डकैती का मुकदमा स्पेशल जज डकैती कोर्ट में विचाराधीन रहा। इस बीच दिल्ली में 25 जुलाई 2001 को शेर सिंह राणा ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। बीस साल बाद भोगनीपुर पुलिस कोर्ट में उसकी मौत की पुष्टि करा सकी तब 41 साल से लंबित मुकदमा खत्म हो सका।
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