गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) के कांग्रेस छोड़ने के बाद देश की सबसे पुरानी पार्टी की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। Ghulam Nabi Azad के समर्थन में रोज बड़े नेताओं के इस्तीफे हो रहे हैं। कुल मिलाकर अब तक 100 से अधिक नेता पार्टी का साथ छोड़ चुके हैं। वहीं अध्यक्ष पद चुनाव के मुद्दे पर भी पार्टी को अपने नेताओं की नाराजगी सहना पड़ रही है। कई नेता इस चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठा चुके हैं। ताजा बयान पंजाब से पार्टी के राज्यसभा सदस्य मनीष तिवारी ने दिया है। तिवारी का कहना है कि सार्वजनिक रूप से उपलब्ध मतदाता सूची के बिना निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कैसे हो सकता है? निष्पक्ष और मुक्त प्रक्रिया का सार पारदर्शी तरीके से वेबसाइट पर मतदाताओं के नाम और पते पर प्रकाशित किया जाना चाहिए।
गुलाम नबी आजाद के समर्थन में पार्टी छोड़ रहे नेता
गुलाम नबी आजाद के समर्थन में मंगलवार को 65 नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दिया था। इसके बाद बुधवार को भी 42 नेताओं ने पार्टी छोड़ दी। इन सभी नेताओं का कहना है कि वे गुलाम नबी आजाद की नवगठित पार्टी में शामिल होंगे। ऐसे में गुलाम नबी आजाद के समर्थन में पार्टी के 100 से ज्यादा नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। इन नेताओं में पूर्व डिप्टी सीएम तारा चंद भी शामिल हैं।
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4 सितंबर को बड़ी रैली को संबोधित करेंगे गुलाम नबी आजाद
इस बीच, गुलाम नबी आजाद ने अपनी नई पार्टी बनाने के प्रयास तेज कर दिए हैं। उनका 4 सितंबर को जम्मू में एक रैली को संबोधित करने का कार्यक्रम है। कांग्रेस छोड़ने के बाद यह उनका पहला सार्वजनिक कार्यक्रम होगा। माना जा रहा है कि इस रैली के दौरान वह अपनी पार्टी का ऐलान कर सकते हैं। खास बात यह है कि राहुल गांधी 4 सितंबर को दिल्ली में ‘मेहंगई पर हल्ला बोल’ रैली को संबोधित करने जा रहे हैं। गुलाम नबी आजाद के कार्यक्रम से कांग्रेस का यह विरोध प्रभावित होगा। आजाद ने इस्तीफे के बाद कहा कि यह तो शुरुआत है। इसका मतलब यह निकाला जा रहा है कि आने वाले दिनों में उनकी तरफ से कांग्रेस पर हमले और बढ़ सकते हैं।