कोई ‘शाह’ यहां शासन नहीं कर सकता! स्टालिन का केंद्र सरकार पर तीखा वार

चेन्नई: तमिलनाडु की सियासत में शुक्रवार को एक और बड़ा बयान सामने आया, जब मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला बोला। तिरुवल्लूर ज़िले के पोन्नेरी में एक सरकारी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्टालिन ने न सिर्फ़ केंद्र की नीतियों पर सवाल उठाए, बल्कि अमित शाह के संदर्भ में करारा तंज कसते हुए कहा – “कोई ‘शाह’ यहां शासन नहीं कर सकता!”

कार्यक्रम में स्टालिन ने रामेश्वरम यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए उस बयान की याद दिलाई जिसमें कहा गया था कि तमिलनाडु के लोग “फंड के लिए रोते हैं।” इस पर मुख्यमंत्री का पलटवार था, “हम भीख नहीं मांगते, हम अपना अधिकार मांगते हैं। और जो अधिकार है, वो छीनकर लिया जाएगा, रोकर नहीं!”

“कभी आपने भी यही कहा था मोदी जी!”

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके गुजरात के मुख्यमंत्री रहते समय दिए बयानों की याद भी दिलाई। स्टालिन ने कहा, “वो समय याद है जब मोदी जी खुद कहते थे कि राज्य सरकारें केंद्र के आगे हाथ नहीं फैलातीं? क्या अब वो सिद्धांत बदल गया है?” साथ ही उन्होंने ये भी जोड़ा कि “एक समय वही मोदी जी केंद्र सरकार पर पक्षपात के आरोप लगाते थे, जब वह विपक्ष में थे। अब वही तमिलनाडु को ‘रोने वाला’ कह रहे हैं।”

अमित शाह से पूछे तीखे सवाल

मुख्यमंत्री स्टालिन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हालिया बयान पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने डीएमके पर ‘ध्यान भटकाने की राजनीति’ करने का आरोप लगाया था। स्टालिन ने दो टूक कहा:

  • क्या अमित शाह ये गारंटी दे सकते हैं कि तमिलनाडु को NEET से छूट मिलेगी?
  • क्या वो यह वादा कर सकते हैं कि हिंदी जबरन नहीं थोपी जाएगी?
  • क्या परिसीमन के बाद तमिलनाडु की राजनीतिक ताकत कम नहीं की जाएगी?

और सबसे बड़ा सवाल – अब तक तमिलनाडु के लिए कितनी धनराशि मंजूर की गई है?

7,000+ प्रोजेक्ट्स की सौगात के बीच सियासी संदेश

इस सियासी आग के बीच मुख्यमंत्री स्टालिन ने ज़िले को 1,166 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की सौगात भी दी। 6,700 से अधिक योजनाओं का उद्घाटन और 7,300 नई परियोजनाओं की नींव रखी गई। साथ ही 2 लाख से अधिक लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ दिया गया। लेकिन इस विकास के मंच को उन्होंने सियासी हथियार की तरह इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार को खुली चुनौती दी।

“तमिलनाडु अब चुप नहीं बैठेगा”

स्टालिन ने जोर देकर कहा कि तमिलनाडु न तो दबेगा, न झुकेगा और न ही केंद्र की ज़बरदस्ती को बर्दाश्त करेगा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला इस बात का सबूत है कि डीएमके का संघर्ष बेकार नहीं गया।

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संदेश स्पष्ट है – “तमिलनाडु अपना अधिकार लेना जानता है”

मुख्यमंत्री ने अंत में कहा कि वह तमिलों के नेता करुणानिधि के रास्ते पर चल रहे हैं, जिन्होंने हमेशा केंद्र के सामने झुकने से इनकार किया। उन्होंने कहा, “हम दिल्ली से भीख नहीं, बराबरी का सम्मान चाहते हैं। तमिलनाडु का आत्मसम्मान किसी राजनीतिक पार्टी की मुहर से नहीं, अपने लोगों की आवाज़ से तय होता है।”