उत्तर प्रदेश सरकार ने त्रिवेणी संगम, गंगा, यमुना, सरयू, गोमती, अयोध्या और नैमिषारण्य को विशेष सम्मान दिया है। कई राज्यों के अतिथि गृहों के नाम के साथ पवित्र नदियों और तीर्थस्थलों का नाम जोड़कर सरकार ने एक बार फिर साबित किया है कि अपनी सांस्कृतिक धरोहरों और भारतीय संस्कृति को लेकर वह कितनी संवेदनशील है।

अतिथि गृहों को मिली नई पहचान
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने राज्य संपत्ति विभाग के नियंत्रण में आने वाले, लखनऊ,नई दिल्ली, मुंबई और कोलकाता के अतिथि गृहों के नाम बदलने को अपनी स्वीकृति दे दी है। उत्तर प्रदेश भवन, नई दिल्ली का नाम बदलकर अब उत्तर प्रदेश भवन ‘संगम’ नई दिल्ली होगा जबकि उत्तर प्रदेश सदन,नई दिल्ली अब उत्तर प्रदेश सदन ‘त्रिवेणी’,नई दिल्ली के नाम से जाना जाएगा। लखनऊ का महात्मा गांधी मार्ग स्थित अति विशिष्ट अतिथि गृह का नाम बदलकर अति विशिष्ट अतिथिगृह ‘साकेत’ हो गया है।
डालीबाग, लखनऊ स्थित विशिष्ट अतिथिगृह का नाम बदलकर अब विशिष्ट अतिथि गृह ‘यमुना’ हो गया है। लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग स्थित राज्य अतिथिगृह का नाम बदलकर अब राज्य अतिथि गृह ‘गोमती’ हो गया है जबकि मीराबाई मार्ग स्थित राज्य अतिथि गृह का नाम राज्य अतिथि गृह ‘सरयू’ हो गया है। बटलर पैलेस,लखनऊ में बने अति विशिष्ट अतिथिगृह के नाम के साथ नैमिषारण्य शब्द जुड़ गया है।
नवी मुंबई के वाशी में बना उत्तर प्रदेश राज्य अतिथिगृह अब उत्तर प्रदेश राज्य अतिथिगृह वृंदावन के नाम से जाना जाएगा जबकि कोलकाता स्थित राज्य अतिथिगृह का नाम बदलकर अब राज्य अतिथिगृह ‘गंगा’ हो गया है।
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विशेष सचिव एवं राज्य संपत्ति अधिकारी डॉ. वीके सिंह ने गुरुवार को इस आशय की जानकारी से मुख्यमंत्री, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव, विधानसभा अध्यक्ष, सभी मंत्रियों, विधायकों, विधान परिषद सदस्यों और राज्य के महाधिवक्ता को लिखित तौर पर अवगत करा दिया है।
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