उप्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र, तीन दिन में 11 घंटे 27 मिनट चला सदन

उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुधवार से शुक्रवार तक तीन दिन संचालित हुआ। इस दौरान सदन की कार्यवाही कुल 11 घंटे 27 मिनट चली। सत्र की समाप्ति पर विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सदन के सदस्यों को धन्यवाद दिया।

विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने बताया कि तीन दिन के सत्र में एक घंटा 19 मिनट तक सदन हंगामे के भेंट चढ़ा, जिसके चलते सदन की कार्यवाही स्थगित रही। इस तरह स्थगन रहित सदन की समयावधि 10 घंटा 08 मिनट रहा।

श्री दीक्षित ने बताया कि शुक्रवार को अपराह्न करीब चार बजे सदन की कार्यवाही को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके पहले सदन ने वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए 8479.53 करोड़ रुपये का दूसरा अनुपूरक बजट और वित्तीय वर्ष 2022-23 के पहले चार महीनों (अप्रैल से जुलाई) के लिए 1,68,903.23 करोड़ रुपये का लेखानुदान पारित किया। अनुपूरक बजट में 4000 करोड़ सिर्फ श्रमिकों के लिए और 3382.50 करोड़ बिजली के लिए बजट का प्राविधान किया गया है।

सत्र में पारित हुए कुल 10 महत्वपूर्ण विधेयक

विधानसभा अध्यक्ष ने बताया की इस सत्र में कुल 10 महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए, जिसमें उप्र औद्योगिक शान्ति (मजदूरी का यथा समय संदाय) (संशोधन) विधेयक 2021, उप्र माल और सेवाकर (संशोधन) विधेयक 2021, उप्र मोटर यान कराधान (संशोधन) विधेयक 2021, उप्र अधिवक्ता कल्याण निधि (संशोधन) विधेयक 2021, उप्र शीरा नियंत्रण (संशोधन) विधेयक 2021, उप्र राज्य क्रीड़ा विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2021, उप्र (चतुर्थ) निरसन विधेयक 2021, उप्र गन्ना (पूर्ति तथा खरीद विनियमन) (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2021, उप्र विनियोग (2021-2022 का द्वितीय अनुपूरक) विधेयक 2021 और उप्र विनियोग (लेखानुदान) विधेयक 2021 शामिल रहे। अध्यक्ष के अनुसार सभी सदस्यों ने विधेयकों के प्रस्तुतीकरण और विधि निर्माण में हिस्सा लिया।

कुल 171 याचिकाएं सदन में प्रस्तुत की गईं

उन्होंने बताया की तीन दिन के उपवेशन में अल्पसूचित प्रश्न 01, तारांकित प्रश्न 91, अतारांकित प्रश्न 235, प्राप्त हुए। इनमें कुल 26 प्रश्न उत्तरित हुए। इसी प्रकार सरकार से वक्तव्य मांगने वाले नियम-51 के अन्तर्गत 124 सूचनाएं प्राप्त हुईं, जिन्हें वक्तव्य तथा ध्यानाकर्षण के लिए स्वीकार किया गया। सरकार का ध्यान आकर्षित करने वाले नियम-301 के अन्तर्गत 78 सूचनाएं प्राप्त हुई। नियम-56 के अन्तर्गत 17 सूचनाएं प्राप्त हुई। तमाम सूचनाओं को ग्राहता हेतु सुना गया व बहस हुई। तमाम सूचनाओं पर शासन का ध्यान आकृष्ट किया गया। इसी सत्र में कुल-171 याचिकाएं सदन में प्रस्तुत की गयी।

अध्यक्ष ने सदन के सदस्यों को दिया धन्यवाद

विधानसभा अध्यक्ष श्री दीक्षित ने आज सत्र की समाप्ति पर सदन के सदस्यों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सभी दलीय नेताओं और सदस्यों ने सारगर्भित चर्चा में भाग लिया।

श्री दीक्षित ने बताया कि सदन के प्रथम दिन विधानसभा के वर्तमान सदस्य एवं पूर्व अध्यक्ष, सुखदेव राजभर के निधन पर उनको भावभीनी श्रद्वांजलि दी गयी। विधान सभा के सदस्य एवं अध्यक्ष के रूप में उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व के बारे में विस्तार से चर्चा हुई। तद्ोपरांत उसी दिन सीडीएस जनरल बिपिन रावत एवं उनके सहयोगियों की असामायिक निधन पर भावभीनी श्रद्वांजलि दी गयी। पूर्व सदस्यों को भी श्रद्वांजलि दी गयी। सभी सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।

नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी सहित सभी दलीय नेताओं ने अध्यक्ष के संसदीय कौशल एवं विद्वता की भूरि-भूरि प्रशंसा की। वहीं अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष सहित सभी दलीय नेताओं को सदन संचालन में सहयोग देने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। चूंकि प्रदेश में जल्द ही विधानसभा के चुनाव होने हैं, इसलिए 17वीं विधानसभा का यह अंतिम सत्र माना जा रहा है। ऐसे में सदन में विदाई के क्षण में अध्यक्ष भावुक भी हुए और उन्होंने कहा कि ऐसे अवसर पर वाणी और शब्द अभिव्यक्त करना कठिन हो जाता है।

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श्री दीक्षित ने अन्य सभी दलीय नेताओं को संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना द्वारा सदन के संचालन में सरकार का पक्ष रखने और सभी सदस्यों के साथ सहयोगात्मक दृष्टि रखने के प्रति आभार व्यक्त किया। प्रमुख सचिव, विधानसभा एवं अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों को भी सदन संचालन में सहयोग के लिए उन्होंने धन्यवाद दिया।