हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और उनका विशेष आशीर्वाद पाने के लिए इस एकादशी का व्रत जाता है. हालांकि, अन्य व्रतों के मुकाबले यह व्रत बहुत ही कठिन माना जाता है. मान्यता है कि जो भी व्यक्ति निर्जला एकादशी का व्रत रखता है उसे अन्य सभी व्रतों का पुण्य फल प्राप्त हो जाता है. इस दिन बिना कुछ खाए और बिना जल ग्रहण किए व्रत रखा जाता है. ऐसा करने से भगवान विष्णु विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं. आइए जानें निर्जला एकादशी की तिथि और इसका महत्व.

कब है निर्जला एकादशी
हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष निर्जला एकादशी की तिथि 30 मई 2023 दिन मंगलवार को दोपहर 01 बजकर 07 मिनट पर शुरू होगी. हालांकि, इसका समापन अगले दिन यानी 31 मई 2023, दिन बुधवार को 01 बजकर 45 मिनट पर होगा. वहीं, व्रत पारण का शुभ मुहूर्त 01 जून 2023 को प्रात:काल 05 बजकर 24 से लेकर 08 बजकर 10 मिनट तक रहेगा. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस व्रत में जल भी ग्रहण नहीं किया जाता है.
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निर्जला एकादशी का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार निर्जला एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है. इस तिथि पर जो भी व्यक्ति निर्जला व्रत रखता है उनकी सभी इच्छाएं भगवान विष्णु पूरी करते हैं. माना जाता है कि यदि आपने साल भर कोई भी व्रत नहीं रखा है, लेकिन यदि आप यह व्रत रखते हैं तो आपको अन्य सभी व्रतों का फल प्राप्त हो जाता है. ऐसा करने से आपके सभी पाप भी धुल जाते हैं और आपको सुख-समृद्धि प्राप्त होते हैं, साथ ही आप रोग मुक्त भी रहते हैं. निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है.
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