उत्तर प्रदेश के बदायूं से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद मंगलवार को लोकसभा में उस समय कुछ पल के लिए असहज हो गईं, जब गलती से वह गलत सवाल पूछ बैठीं। स्पीकर के टोकने पर उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ तो संघमित्रा मौर्य ने अपना सवाल बदला। संघमित्रा मौर्य समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी हैं।
लोकसभा में मंगलवार को जीरो आवर के दौरान सभापति के स्थान पर बैठे राजेंद्र अग्रवाल ने संघमित्रा मौर्य को अपना सवाल पूछने को कहा। संघमित्रा एक कागज लेकर खड़ी हुईं और उसे पढ़ना शुरू किया। उन्होंने कहा, ”मैं जानना चाहती हूं कि अभी तक युवा कार्यक्रमों का जो प्रयोजन हुआ था उसमें पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की भागीदारी कितनी थी, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में क्या था। महिलाओं की संख्या क्या थी और इन कार्यक्रमों के आयोजनों से निचले स्तर के लोगों को हुआ है क्या?”
इस बीच अग्रवाल ने पटल पर रखे सवाल को देखकर संघमित्रा को टोका और कहा, ”संघमित्रा जी विषय बदल दिया है आपने, सम्राट अशोक के बारे में लिखा है कुछ।” यह सुनकर संघमित्रा मौर्य को अपनी गलती का अहसास हुआ। उन्होंने तुरंत अपने हाथ में मौजूद उस पर्चे को बेंच पर रख दिया, जिससे वह सवाल पूछ रही थीं। संघमित्रा मौर्य के पास सवाल लिखित में नहीं था। वह कुछ पल के लिए असहज हो गईं, लेकिन अपना प्रश्न याद करते हुए पूछा।
जब अमित शाह और पी. चिदंबरम संसद में आमने-सामने आए, जानिए फिर क्या हुआ?
संघमित्रा ने कहा, ”सभापति महोदय, मैंने आपके माध्यम से पिछले सत्र में भी मांग की थी, कि सम्राट अशोक की जयंती पर अवकाश की घोषणा की जाए, किंतु मुझे पत्र से सूचित किया गया कि सीमित संख्या में ही राष्ट्रीय अवकाश घोषित किए जा सकते हैं तो मैं सरकार से मांग करती हूं कि चैत्र मास की अष्टमी को जिस दिन सम्राट अशोक का जन्म हुआ था उस दिन को सम्राट अशोक जयंती के नाम से घोषणा की जाए ताकि जो भी लोग सम्राट अशोक की जयंती का आयोजन करना चाहते है वह कर सकें, एक दिन सुनिश्चित हो सके, जिस तरह बिहार में हुआ है, पूरे देश में हो सके।”