बागेश्वर: उत्तराखंड की पहाड़ियों में हाल ही में जानलेवा ततैयों के हमलों में वृद्धि देखी गई है , जिसमें पिछले तीन महीनों में पांच मौतें हुई हैं। बुधवार को बागेश्वर जिले की एक 40 वर्षीय महिला की मौत हो गई, जब वह अपने खेत में काम कर रही थी, तभी ततैयों के झुंड ने उस पर हमला कर दिया।
अगले दिन जिले की एक और महिला इसी तरह के हमले में घायल हो गई। चिंता की बात यह है कि इस साल ततैयों के हमलों की कई घटनाएं हुई हैं, जिसके परिणामस्वरूप मौतें और चोटें हुई हैं।
पहला मामला 5 अगस्त को सामने आया था, जब नैनीताल जिले के चोपड़ा के एक ग्रामीण की चारा इकट्ठा करते समय ततैयों के हमले में मौत हो गई थी।
4 सितंबर को पिथौरागढ़ के डीडीहाट में एक नेपाली मूल का व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया था और दो कुत्तों की ततैयों के डंक से मौत हो गई थी। इसके बाद 25 सितंबर को बागेश्वर जिले के तोली गांव के एक व्यक्ति की अखरोट तोड़ते समय ततैयों के डंक से मौत हो गई थी।
इसके कुछ ही दिनों बाद 30 सितंबर को टिहरी जिले के तुनेटा गांव के सुंदरलाल (47) और उनके आठ वर्षीय बेटे अभिषेक की गाय चराते समय ततैयों के डंक से मौत हो गई थी।
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पिछले साल भी ऐसी ही घटनाएं हुई थीं, जिसमें कपकोट में तीन साल के बच्चे की मौत भी शामिल है।