भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध आशा व आशा संगिनी कर्मचारी संगठन उत्तर प्रदेश द्वारा मंगलवार को 12 सूत्रीय मांगों को लेकर काशीराम इको गार्डेन में विशाल धरना प्रदर्शन किया गया। धरने में स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत प्रदेश भर से करीब 25 हजार आशा एवं आशा संगिनी कर्मचारियों की उपस्थिति रही।

धरने को सम्बोधित करते हुए भारतीय मजदूर संघ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अनुपम ने कहा कि सरकार आशा व आशा संगिनी कर्मचारियों की समस्याओं पर शीघ्र समाधान करे, अन्यथा भारतीय मजदूर संघ बड़े आन्दोलन के लिए मजबूर होगा। उन्होंने कहा कि मजदूर संघ से सम्बद्ध आशा व आशा संगिनी कर्मचारियों ने आज शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखी है। प्रदेश सरकार को चाहिए कि सहानुभूतिपूर्वक कर्मचारियों की मांगों पर विचार करे।
आशा संगिनी कर्मचारी संगठन की प्रदेश महामंत्री हेमलता सिंह ने कहा कि आशा एवं आशा संगिनी बहनें स्वास्थ्य विभाग में कार्य करने के साथ-साथ प्रशासन के निर्देश पर अन्य कार्य भी करती हैं। इसके बावजूद भी सरकार द्वारा इन्हें कोई वेतनमान नहीं निर्धारित किया गया है और न ही कर्मचारी का दर्जा दिया गया है। उन्होंने कहा कि आशा व आशा संगिनी कर्मचारियों की समस्याओं के सम्बंध में अनेकों बार विभिन्न स्तरों पर उठाया गया। अनेकों बार उप्र के मुख्यमंत्री को भी इस सम्बंध में ज्ञापन दिया गया किन्तु शासन की उपेक्षापूर्ण नीति के चलते हम लोगों की किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।
भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री अनिल उपाध्याय ने कहा कि हम लोग आज एक दिवसीय धरना दे रहे हैं लेकिन यदि सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है तो प्रदेश भर के आशा संगिनी कर्मचारी प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन धरना देने के लिए बाध्य होंगे। धरने को प्रदेश संगठन मंत्री राम निवास सिंह, उपाध्यक्ष विनीता कुसुम मिश्रा,प्रदेश महिला संयोजक आशा सक्सेना,प्रदेश आशा संगठन के प्रभारी अशोक मिश्रा और भारतीय मजदूर संघ लखनऊ के जिलाध्यक्ष हरिशरण मिश्रा ने भी सम्बोधित किया।
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