दिल्ली हाईकोर्ट ने किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में 26 जनवरी को हुई हिंसा की जांच की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है। चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका खारिज की है।

ट्रैक्टर रैली हिंसा की जांच के लिए दायर की गई थी याचिका
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि आपने घटना के दो दिन के अंदर ही याचिका दायर कर दी। आप दो दिनों में जांच पूरी होने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि क़ानून के मुताबिक जांच पहले से जारी है। 43 एफआईआर दर्ज हुई हैं और 13 एफआईआर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को ट्रांसफर की गई हैं। सिख फ़ॉर जस्टिस जैसे प्रतिबंधित संगठनों के मामले में यूएपीए भी लगाया गया है।
यह याचिका शुभम अवस्थी ने दायर की थी। वकील विवेक नारायण शर्मा के जरिये दायर याचिका में कहा गया था कि 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई घटना से राष्ट्रीय राजधानी में एक भय का माहौल पैदा हुआ है। याचिका में 26 जनवरी को दिल्ली के लाल किले में राष्ट्रीय झंडे के अपमान और हिंसा में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई थी। याचिका में लाल किले की घटना की एसआईटी से जांच कराने की मांग की गई थी।
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याचिका में कहा गया था कि हिंसा करने और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों को वायरल वीडियो के जरिये पहचान की जाए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। याचिका में मांग की गई थी कि ट्रैक्टर रैली के आयोजनकर्ताओं को इस हिंसा का जिम्मेदार बनाया जाए, क्योंकि ये हिंसा उनके वालंटियर्स की मानिटरिंग में कमी की वजह से हुई। याचिका में केंद्र सरकार को राष्ट्रीय झंडे और संविधान के अपमान से जुड़े कानून को और कड़ा करने का दिशानिर्देश देने की मांग की गई थी ताकि आगे ऐसी घटना नहीं हो।
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