उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ योगी सरकार की जनसंख्या नीति के प्रस्ताव को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार काफी गर्म है। इसी क्रम में अब इस मुद्दे को लेकर निषाद पार्टी के नेता संजय निषाद ने भी आवाज बुलंद की है। दरअसल, जनसंख्या नीति को लेकर देश में हो रही बहस के बीच संजय निषाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इतिहास याद दिलाते हुए बड़ी नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि कहीं योगी आदित्यनाथ की हालत इंदिरा गांधी जैसी न हो जाए। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने कड़े फैसले लिए थे तो उनकी सत्ता चली गयी थी।
योगी पूरा नहीं कर रहे अपना वादा
बीते मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान संजय निषाद ने कहा कि निषादों की उपेक्षा करना आगामी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बहुत भारी पड़ेगा। पिछले विधानसभा चुनाव के समय बीजेपी ने कहा था कि सत्ता में आते ही निषादों के आरक्षण के मुद्दे को प्राथमिकता से हल किया जाएगा लेकिन वे तो सरकार की अंतिम प्राथमिकता में भी नहीं हैं। निषाद समाज में रोष के कारण पंचायत चुनावों में बीजेपी को काफ़ी नुक़सान उठाना पड़ा है। यही रवैया रहा तो अगले साल के शुरू में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को यह बहुत भारी पड़ेगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि योगी आदित्यनाथ ने सांसद रहते हुए संसद में निषाद आरक्षण के मुद्दे का समर्थन किया था लेकिन अब वह अपना ही वादा पूरा करते नजर नहीं आ रहे हैं। त्रिस्तरीय चुनाव में निषाद पार्टी बीजेपी से अलग होकर लड़ी थी। उसका परिणाम यह हुआ कि बीजेपी चौथे स्थान पर चली गयी। पूर्व में कांग्रेस ने हमारे लोगों को धोखा दिया तो वह ख़त्म हो गयी।
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खुद को उप मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित किये जाने की मांग दोहराते हुए निषाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मछुआरा जातियों की आबादी करीब 18 प्रतिशत है। इतनी बड़ी जनसंख्या का एक प्रतिनिधि सदन में होना आवश्यक है। अगर उप मुख्यमंत्री का पद मिल जाय तो उससे बेहतर और क्या हो सकता है।