वेनेजुएला: निकोलस मादुरो ने तीसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ ली

कराकस। वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने शुक्रवार को अपने तीसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति पद की शपथ ली। यह शपथ उन्होंने देश में जारी विरोध प्रदर्शनों और अंतरराष्ट्रीय आलोचनाओं के बीच ली। मादुरो के विरोधी उन पर 2018 में हुए चुनावों में धांधली का आरोप लगाते रहे हैं।

मादुरो ने देश के विधान भवन में शपथ ग्रहण की और इस अवसर पर एक जोशीला भाषण दिया। समारोह के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। शपथग्रहण के मद्देनजर आसपास के क्षेत्रों और पास के प्लाजा में भारी भीड़ जमा थी। इनमें से कई लोग मादुरो के समर्थन में टी-शर्ट पहने हुए थे।

अपने भाषण में मादुरो ने विरोधियों और अमेरिका में उनके समर्थकों पर आरोप लगाया कि वे शपथग्रहण को अंतरराष्ट्रीय संकट में बदलने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा,मेरे शपथ ग्रहण को रोकने की दुश्मनों की कोशिश असफल रही, और यह वेनेजुएला की शांति और राष्ट्रीय संप्रभुता की जीत है। मादुरो ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनका समर्थन न तो अमेरिका की सरकार से है, न ही साम्राज्यवादी ताकतों से। उन्होंने कहा,मैं जनता से आता हूं, जनता का हूं और मुझे शक्ति इतिहास और लोगों से मिलती है।

विरोध प्रदर्शन और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

मादुरो के शपथ ग्रहण से एक दिन पहले, सैकड़ों वेनेजुएलावासियों ने उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण रहा, लेकिन इसके बाद पूर्व सांसद मारिया कोरिना मचाडो ने आरोप लगाया कि सुरक्षा बलों ने उनके काफिले पर हमला किया। मचाडो ने बताया कि जब वह मोटरसाइकिल पर थीं, तो सुरक्षा बलों ने उन्हें खींचकर हिरासत में ले लिया। हालांकि, मचाडो को बाद में रिहा कर दिया गया।

सरकार ने मचाडो पर चुनाव लड़ने से प्रतिबंध लगा रखा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर दावा किया कि नेशनल गार्ड्स ने उन्हें जेल ले जाने की धमकी दी थी, लेकिन बाद में उनका इरादा बदल गया।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

मादुरो के शपथ ग्रहण के दौरान दुनिया की कई सरकारों ने उनके नेतृत्व को खारिज कर दिया। अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने वेनेजुएला के 20 से अधिक अधिकारियों पर नए प्रतिबंध लगाए हैं। इन अधिकारियों पर वेनेजुएला के लोकतंत्र को खत्म करने का आरोप लगाया गया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने वेनेजुएला की गंभीर मानवीय स्थिति का हवाला देते हुए 600,000 प्रवासियों को 18 महीने के लिए अमेरिका में रहने की अनुमति दे दी। इसके साथ ही, मादुरो और गृहमंत्री डियोसाडो कैबेलो की गिरफ्तारी पर इनाम की राशि बढ़ाकर 2.5 करोड़ डॉलर कर दी गई।

विपक्ष का संघर्ष जारी

मादुरो के विपक्षी नेता एडमंडो गोंजालेज ने डोमिनिकन गणराज्य से एक वीडियो संदेश जारी कर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि वेनेजुएला का माहौल सुरक्षित होने पर वह अपने देश लौटेंगे।

2018 के चुनावों के बाद से मादुरो के पुनर्निर्वाचन को व्यापक रूप से धोखाधड़ी करार दिया गया है। विपक्षी दलों ने चुनाव को दिखावा बताते हुए खारिज कर दिया। प्रमुख विपक्षी नेताओं पर चुनाव लड़ने से प्रतिबंध लगाने के बाद से मादुरो के खिलाफ असंतोष बढ़ता जा रहा है।

सरकार और विपक्ष के बीच बढ़ती दूरी

मादुरो के समर्थकों ने विपक्ष पर अंतरराष्ट्रीय संकट खड़ा करने के लिए फर्जी खबरें फैलाने का आरोप लगाया। सरकारी टीवी ने बताया कि मादुरो के शपथ ग्रहण समारोह में 10 राष्ट्राध्यक्षों ने भाग लिया। हालांकि, मादुरो के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय अलगाव और प्रतिबंधों ने देश के राजनीतिक संकट को और गहरा दिया है।

निकोलस मादुरो ने विरोधों और आलोचनाओं के बीच तीसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ ली है। हालांकि, उनका नेतृत्व देश के अंदर और बाहर दोनों स्तरों पर विवादित बना हुआ है। अब यह देखना होगा कि मादुरो वेनेजुएला को संकट से बाहर निकालने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति मजबूत करने में कितने सफल हो पाते हैं।