धर्म नगरी काशी में बारिश के बाद बुधवार को ठिठुरन बढ़ गई है। बादलों ने सूर्यदेव को अपनी गोद में ढक लिया है। दोपहर तक सूर्य की किरणें बादलों में छुपी रहीं। बीते मंगलवार को अरब सागर से आए बादलों से वाराणसी और पूर्वांचल के जिलों में जमकर बारिश हुई। इसके चलते तापमान भी गिर गया। पूर्वाह्न 11 बजे तक वाराणसी का अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस,दृष्यता 08 फीसद,आद्रता 87 फीसद, हवा की रफ्तार 11 किमी प्रतिघंटा रही।
मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार की बारिश ने दिसम्बर माह के पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। अपराह्न तीन बजे से लगभग डेढ़ घंटे तक 8 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। इसके पहले वर्ष 2015 में तीन दिसंबर को 0.3 मिमी, 2014 में 15 दिसंबर को 3 मिमी और इससे पहले 2009 में 31 दिसंबर को 1.6 मिमी बारिश हुई थी। बारिश से तापमान में बढ़ोतरी और ठंडी हवा के साथ अरब सागर से तीन दिन पहले चले चक्रवात का असर दिखने लगा।
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मंगलवार दोपहर ढाई बजे 21 डिग्री पर पहुंचा पारा शाम साढ़े चार बजे 16 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग के अनुसार अब उत्तर पश्चिम की हवा का असर दिखेगा। आने वाले दिनों में ठंड बढ़ेगी। तापमान में धीरे-धीरे और गिरावट होगी। गलन और ठिठुरन बढ़ने से लोग दिन में अलाव जलाकर हाथ और पैरों को गर्म कर रहे हैं। उधर,बारिश रवि की फसल के लिए लाभदायक है। जहां खेतों में गेंहू की बुवाई हुई है वहां बारिश लाभदायक बताई गई। फूलों और सब्जियों की खेती के लिए बारिश नुकसान देह है।