उत्तर प्रदेश के 10 जिलों में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इससे जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। प्रशासन स्तर पर हर जगह राहत कैंप लगाये गये हैं। वर्तमान में 19 जिलों में 807 गांव बाढ़ से प्रभावित है। रेस्क्यू के लिए टीमें तैनात है बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 3248 नावें भी लगायी गयी हैं।
प्रदेश में बाढ़ से मचा हाहाकार
प्रदेश के राहत आयुक्त रणवीर प्रसाद ने सोमवार को यह बताया कि गंगा नदी, कचला ब्रिज बदायूं, गाजीपुर, बलिया, शारदा नदी, पलियाकला (लखीमपुर खीरी), घाघरा, अयोध्या व तुर्तीपार (बलिया), राप्ती, बलरामपुर, बूढ़ी राप्ती नदी, ककरही (सिद्धार्थनगर), रोहिन नदी त्रिमोहनीघाट (महाराजगंज) और क्वानों नदी चन्द्रदीप घाट (गोण्डा) में खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है।
वर्षा की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि गत 24 घंटे में प्रदेश में 01.0 मिमी औसत वर्षा हुई है, जो सामान्य वर्षा से 10 मिमी के सापेक्ष 10 प्रतिशत है। इस प्रकार प्रदेश में 01 जून, 2021 से अब तक 481.8 मिमी औसत वर्षा हुई, जो सामान्य वर्षा 493.2 मिमी के सापेक्ष 98 प्रतिशत है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के वर्षा व बाढ़ से प्रभावित प्रदेश के नौ जनपद इटावा, जालौन, बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, लखनऊ, बलिया एवं वाराणसी में एनडीआरएफ की नौ टीमें, इसी तरह नौ जिलों में एसडीआरएफ की नौ टीमें लगी हुई है। प्रदेश के 39 जिलों में पीएसी की 15 कंपनियों के 39 लगाये गए हैं। 3248 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है तथा 624 मेडिकल टीमें लगायी गयी है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ द्वारा 33062 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।
यह भी पढ़ें: बाबा रामदेव के लिए मुसीबत बनी कोरोनिल, हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा आदेश
प्रसाद ने बताया कि चौबीस घंटे के भीतर अब तक कुल 35,226 ड्राई राशन किट वितरित किए गये हैं। अब तक कुल 2,32,184 फूड पैकेट वितरित किए गए हैं। प्रदेश में 1036 बाढ़ शरणालय तथा 1263 बाढ़ चौकी स्थापित की गयी है। प्रदेश में विगत 24 घंटों में स्थापित किए गए पशु शिविर की संख्या शून्य, अब तक कुल 796 पशु शिविर स्थापित किये गये हैं। विगत 24 घंटों में पशु टीकाकरण की संख्या 26,367 तथा अब तक कुल पशु टीकाकरण की संख्या 4,02,534 है।