दिल्ली हाई कोर्ट ने बाबा रामदेव की ओर से कोरोनिल दवाई को लेकर कथित झूठे दावे पर रोक लगाने की मांग करने वाली एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए बाबा रामदेव को 24 घंटे के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। जस्टिस सी हरिशंकर की बेंच ने इस मामले की सुनवाई 18 अगस्त को करने का आदेश दिया।
बाबा रामदेव को कोर्ट ने थमाई थी नोटिस
पिछली 30 जुलाई को कोर्ट ने बाबा रामदेव को नोटिस जारी किया था। याचिका में कहा गया है कि रामदेव ने सार्वजनिक रूप से डॉक्टरों के अलावा विज्ञान को चुनौती दी है। उनके बयान से लोगों का नुकसान हो रहा है। वे मेडिकल साइंस को चुनौती दे रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि रामदेव काफी प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उनकी काफी लोगों तक पहुंच है। उनके बयान अपने प्रशंसकों को प्रभावित करते हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों से बाबा रामदेव और एलोपैथी डॉक्टरों की संस्था आईएमए के बीच विवाद चल रहा है। रामदेव ने एलोपैथी को लेकर विवादास्पद बयान किया था, जिसके बाद आईएमए ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर बाबा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भी बाबा को अपना बयान वापस लेने को कहा था।
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आईएमए ने बाबा रामदेव के खिलाफ लीगल नोटिस भेजा था। पिछले एक जून को देशभर के एलोपैथी डॉक्टरों ने रामदेव के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर काली पट्टी बांधकर काम किया था।