उत्तर प्रदेश ने लाजिस्टिक्स की सुलभता यानि लाजिस्टिक्स ईज अक्रास डिफरेंट स्टेट्स (लीड्स) में दो वर्षों में सात स्थानों का उल्लेखनीय सुधार करते हुए देश में छठां स्थान प्राप्त किया है। लीड्स 2021 सर्वेक्षण में किसी भी राज्य द्वारा यह सबसे ऊंची छलांग है और इसके लिए उप्र को शीर्ष सुधारकर्ता के रुप में वर्गीकृत किया गया है।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने सोमवार रात यहां बताया कि पांच के पैमाने पर 325 के स्कोर के साथ उप्र ने अवस्थापना सुविधाओं की उपलब्धता और गुणवत्ता, लाजिस्टिक्स सेवाओं की उपलब्धता तथा विश्वसनीयता, परिचालन एवं नियामक वातावरण आदि के मापदंडों पर अपने प्रदर्शन में सुधार किया है। उन्होंने बताया कि यह सक्रिय प्रशासन द्वारा संचालित निर्वाध कनेक्टिविटी के लिए लाजिस्टिक्स के विकास हेतु किये गये उपायों का परिणाम है।
प्रवक्ता ने बताया कि उप्र 13वें स्थान से छलांग लगाकर इस साल छठे स्थान पर पहुंच गया है। 2019 में यूपी रैंकिंग में 13वें स्थान पर था। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा 2018 में देश भर के राज्यों में परफॉर्मेंस और लॉजिस्टिक ईज का आकलन करने के लिए लीड्स रैंकिंग शुरू की गई थी। पिछले साल 2020 में कोई सर्वेक्षण नहीं किया गया था। केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने आज तीसरी लीड्स की रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में गुजरात सबसे ऊपर और हरियाणा दूसरे व पंजाब तीसरे नंबर पर है।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार लीड्स रैंकिंग में उप्र अन्य राज्यों की तुलना सबसे बेहतर करने वाला राज्य है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश केरल, कर्नाटक, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों से आगे है। उन्होंने कहा कि, यह अनिवार्य रूप से राज्य में बेहतर कानून और व्यवस्था के साथ-साथ व्यापार करने में आसानी के कारण बढ़े हुए निवेश के कारण था।
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इसके अलावा गृह, परिवहन, सार्वजनिक निर्माण विभाग, नगर विकास, आवास और शहरी नियोजन, कौशल विकास, राज्य भंडारण निगम और उद्योगों जैसे विभागों के ठोस प्रयासों के कारण यह संभव हो सका।
उन्होंने बताया कि लीड्स की रिपोर्ट के अनुसार देश में उप्र में अधिकतम कोल्ड स्टोरेज की क्षमता के 39.84 प्रतिशत अंश के साथ सबसे अधिक संख्या में रेलवे गुड शेड्स (689) और कोल्ड स्टोरेज (2406) हैं। राज्य में लाजिस्टिक्स में प्रशिक्षित व्यक्तियों की उच्चतम संख्या के साथ प्रशिक्षण केंद्रों की अधिकतम संख्या है।