उत्तराखंड और राजस्थान के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी इस साल कांवड़ यात्रा नहीं होगी। कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए कांवड़ यात्रा को रद्द करने का फैसला लिया है। योगी सरकार से बातचीत के बाद कांवड़ संघ ने ये निर्णय लिया। यूपी सरकार ने पहले कांवड़ यात्रा की अनुमति दे दी थी। फिर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का मौका दिया था। मुख्यमंत्री के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और डीजीपी मुकुल गोयल कांवड़ा संघों से चर्चा कर रहे थे। अब कांवड़ा यात्रा को रद्द करने का फैसला लिया गया है। ACS नवनीत सहगल एसीएस ने ये जानकारी दी है।
गौरतलब हो कि पिछले साल कांवड़ संघों से सरकार से चर्चा के बाद खुद कांवड़ यात्रा को स्थगित कर दिया। इस साल भी सरकार ने कांवड़ संघों से चर्चा करने के बाद फैसला लिया है। हालांकि यूपी सरकार इस बार कोरोना प्रोटोकॉल के साथ कांवड़ा यात्रा निकालना चाहती थी। इस बीच उत्तराखंड सरकार कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी। साथ ही बाहर से आने वाले कांवड़ियों को प्रवेश देने से इनकार कर दिया। इन सब मुद्दों को ध्यान में रखते हुए अब सरकार ने फैसला ले लिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने लिया था संज्ञान
उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले कांवड़ यात्रा के लिए अनुमति दे दी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने खुद मामले में संज्ञान लेते हुए सरकार को नोटिस जारी किया था। इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार ने जवाब दाखिल करने को कहा था।
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वहीं यूपी सरकार की ओर से कोर्ट में पेश वकील सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि हम प्रतीकात्मक यात्रा चाहते हैं। यूपी सरकार द्वारा दाखिल किए गए हलफनामे को पढ़ते हुए वैद्यनाथन ने बताया कि यदि कोई यात्रा करना चाहता है, तो उसे अनुमति लेनी होगी। नेगेटिव RTPCR का टेस्ट, फुली वैक्सीनेटेड हो और सोशल डिस्टेंसिंग समेत अन्य नियमों का पालन करना होगा। इस पर पीठ ने कहा कि या तो हम आदेश पारित कर सकते हैं या आपको पुनर्विचार करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उत्तर प्रदेश सरकार सोमवार को अपने फैसले से कोर्ट को अवगत कराए। अन्यथा अदालत आदेश पारित कर देगी।