उत्तर प्रदेश का बहुचर्चित उन्नाव गैंगरेप मामला एक बार फिर मीडिया की सुर्ख़ियों में आ गया है। दरअसल, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पीड़िता को सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। लेकिन अब पीड़िता की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभा रहे सुरक्षा अधिकारी ही सवालों के घेरे में आ गए हैं। दरअसल, उन्नाव गैंगरेप पीड़िता ने अपने निजी सुरक्षा अधिकारी पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। पीड़िता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने रिपोर्ट मांगी है।
उन्नाव रेप पीड़िता की याचिका पर अदालत ने दिया आदेश
मिली जानकारी के अनुसार, पीड़िता ने अदालत में याचिका दायर करते हुए सुरक्षा अधिकारी पर आरोप लगाया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उसे सुरक्षा मिली हुई है। याचिका में कहा गया है कि सुरक्षा अधिकारी उसके आवागमन को रोकते हैं। ऐसा करना उसकी स्वतंत्रता को बाधित करने की कोशिश है। इसकी वजह से वह अपना केस ठीक से नहीं लड़ पा रही है।
उसकी याचिका पर सुनवाई करते हुए तीस हजारी कोर्ट के डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने सीबीआई के जांच अधिकारी से कम्पैक्ट असेसमेंट रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
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आपको बता दें कि 20 दिसंबर, 2019 को उन्नाव गैंगरेप पीड़िता से रेप के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने तत्कालीन बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने उम्रकैद के अलावा 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया था। तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भी कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।