पश्चिम बंगाल में जारी विधानसभा चुनाव की वजह से सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ बीजेपी के दिग्गज लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। इसी क्रम में इस बार बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी ममता बनर्जी को आड़े हाथों लिया है। केंद्रीय मंत्री ने ममता बनर्जी द्वारा हिंदुत्व को लेकर किये जा रहे दावों को लेकर कटाक्ष किया है। इसके अलावा उन्होंने असम विधानसभा चुनाव को लेकर भी बयान दिया ।
केंद्रीय मंत्री ने ममता पर बोला हमला
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि ममता दीदी अपने हर घर में सनातन के सेवक को तुष्टिकरण के जहर से मारा है। भगवान राम, कृष्ण, मां दुर्गा और काली आपसे दस साल से दुखी हैं। ममता दीदी ने बता दिया है कि उनका गोत्र शांडिल्य है, मैं पहले से ही शांडिल्य था।
उन्होंने आगे कहा कि संयोग से दीदी के पैर में भी चोट लगा है और मेरे पैर में भी चोट लगा है। मैं भी 20-25 दिन से पट्टी बांधकर चल रहा हूं लेकिन उनके पैर में ज्यादा चोट लगा होगा इसलिए व्हील चेयर पर चल रही हैं लेकिन दीदी ने गोत्र बताने में और हरे राम हरे राम कहने में देर कर दी। जितना पहले से वह कलमा पढ़ रही थी, उतने लेट से चंडी पाठ शुरू किया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब तो बंगाल की जनता भी कहने लगी है जय श्री राम और हरे-हरे। बंगाल की जनता परिवर्तन के लिए मोदी के साथ खड़ा होकर चल रही है। ममता दीदी का जाना उसी तरह तय हो गया जैसे सूरज का उगना और डूबना तय है। दीदी का हारना तय है, कार्यकर्ताओं को झूठा दिलासा नहीं दिलाएं। आप के लोग भाग रहे हैं, पार्टी छोड़ रहे हैं, इसलिए हार स्वीकार करके मोदी-मोदी और जय श्री राम का जाप करें।
असम चुनाव प्रचार के दौरान AIUDF प्रमुख बदरुद्दीन अजमल के बेटे अब्दुर रहीम अजमल के बेटे द्वारा दिए गए बयान को आड़े हाथों लेते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि यह मंसूबा निकाल दें कि असम में दाढ़ी-टोपी और लूंगी की सरकार बनेगी। असम में कुछ लोगों को ने कहा है कि दाढ़ी-टोपी की सरकार बनेगी। दाढ़ी-टोपी और लूंगी की सरकार का मंसूबा दिमाग से निकाल लें।
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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं और उन्होंने पूरे देश के लिए सबका साथ-सबका विकास कहा है, देश में जय श्री राम और हरे-हरे का नारा लग रहा है। यह सनातन की धरती है और धर्म की आड़ में असम में कोई अशांति नहीं फैला सकता है, कोई असम को तोड़ने की ख्वाहिश नहीं देखे। असम की धरती पर से घुसपैठियों का निकलना तय है, असम में अराजकता समाप्त करना है तथा देश में सनातन संस्कृति को बुलंद करते हुए, सबका साथ-सबका विकास करना है।