मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की युवाओं को रोजगारयुक्त बनाकर मध्यप्रदेश को आत्म-निर्भर बनाने की मंशा अनुरूप सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा प्रदेश के युवाओं के लिये स्वयं का उद्योग, सेवा या व्यवसाय स्थापित करने के लिए “मुख्यमंत्री उद्यम क्रान्ति योजना” शुरू की गई है। योजना के तहत सात सालों के लिए 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान भी दिया जाएगा।
सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम विभाग के सचिव पी. नरहरि ने सोमवार को कलेक्टर-कमिश्नर कांफ्रेंस में योजना का प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि इस नई योजना में विनिर्माण इकाई और उद्यम स्थापित करने वाले युवाओं को एक से 50 लाख जबकि सेवा क्षेत्र के लिए 1 लाख से 25 लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा। मुख्यमंत्री उद्यम क्रान्ति योजना का लाभ केवल नवीन उद्यमों की स्थापना के लिए होगा। योजना के प्रावधान सभी वर्गों के आवेदकों के लिये समान रहेंगे।
उन्होंने बताया कि योजना में वित्तीय सहायता के लिए आवेदक की आयु 18 से 40 वर्ष तथा शैक्षणिक योग्यता के रूप में न्यूनतम 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए। परिवार की वार्षिक आय 12 लाख रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए। यदि आवेदक का परिवार आयकर दाता है तो उसकी पिछले तीन वर्षों की आयकर विवरणियाँ आवेदन के साथ संलग्न करना होंगी। पात्रता उन्हीं आवेदकों को होगी जो स्वयं किसी बैंक अथवा किसी वित्तीय संस्था का डिफाल्टर न हो। इसी तरह आवेदक वर्तमान में राज्य अथवा केन्द्र सरकार की किसी अन्य स्व-रोजगार योजना का हितग्राही न हो।
बताया गया कि वित्तीय सहायता में ब्याज अनुदान योजनान्तर्गत सभी वर्ग के हितग्राहियों को बैंक द्वारा वितरित शेष ऋण पर 3 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अनुदान, अधिकतम 7 वर्षों तक मोरेटोरियम अवधि सहित दिया जायेगा। जिस अवधि के दौरान हितग्राही का ऋण खाता एन.पी.ए. बना रहता है, उस अवधि के लिए कोई ब्याज अनुदान स्वीकार्य नहीं होगा। ब्याज अनुदान की राशि प्रतिपूर्ति वार्षिक आधार पर दी जायेगी। योजना में गांरटी फीस प्रचलित दर से अधिकतम 7 वर्षों तक मोरेटोरियम अवधि सहित दी जाएगी। योजना का क्रियान्वयन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा किया जायेगा।
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प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि पूर्व संचालित मुख्यमंत्री स्व-रोजगार, युवा उद्यमी, कृषक उद्यमी योजनाओं में 7 वर्षों तक ब्याज अनुदान तथा ऋण गारंटी शुल्क अनुदान का प्रावधान होने के कारण इन पूर्ववर्ती योजनाओं के हितग्राहियों को इसका लाभ यथावत पूर्व प्रावधानों के अनुसार प्राप्त होता रहेगा। योजना का क्रियान्वयन समेकित पोर्टल के माध्यम से किया जायेगा।