संभल हिंसा के आरोपियों से जेल में मिले सपा के कई विधायक, मुरादाबाद जेल के दो अधिकारी निलंबित

लखनऊ: उत्तर प्रदेश जेल मुख्यालय ने प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के आरोप में बुधवार को मुरादाबाद जेल में तैनात दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया। इन दोनों अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए राजनीतिक समूह के जुड़े लोगों को संभल हिंसा मामले में गिरफ्तार आरोपियों से मुलाकात करवाई।

एक समाचार पत्र से बातचीत करते हुए वरिष्ठ जेल अधिकारियों ने कि जेलर विक्रम सिंह यादव और डिप्टी जेलर प्रवीण सिंह को संभल हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों और राजनीतिक समूहों से जुड़े लोगों के लिए अनधिकृत मुलाकातों की व्यवस्था करते पाया गया।

मुरादाबाद जेल में बंद हैं संभल हिंसा के आरोपी

संभल हिंसा मामले के आरोपियों को मुरादाबाद जेल में रखा गया था क्योंकि संभल में जेल की सुविधा नहीं है। सरकार के निर्देशों के बाद , डीजी जेल ने मामले की जांच के लिए डीआईजी जेल कुंतल किशोर को नियुक्त किया। जांच के निष्कर्षों के आधार पर आगे की कार्रवाई की उम्मीद है।

जांच में पता चला कि ये बैठकें आवश्यक अनुमति प्राप्त किए बिना या स्थापित मानदंडों का पालन किए बिना आयोजित की गई थीं।

बिना आधिकारिक पर्ची के आयोजित की गई बैठकें

सांसदों और विधायकों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों की जेलों में कैदियों से मिलने की विशेष अनुमति के बावजूद, ये बैठकें बिना आधिकारिक पर्ची के आयोजित की गईं, जिससे गंभीर चिंताएँ पैदा हुईं। चूक की जाँच के लिए दोनों अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जाँच शुरू की गई है।

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वहीं, मुरादाबाद जेल अधीक्षक पीपी सिंह के खिलाफ भी विभागीय जाँच की संस्तुति की गई है। अधिकारियों ने कहा कि जेल नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने और संवेदनशील मामलों को संभालने में अधिकार के दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सपा विधायकों ने की थी संभल हिंसा के आरोपियों से मुलाकात

आपको बता दें कि सोमवार को पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन, ठाकुरद्वारा विधायक नवाबजान, नौगंवा सादात (अमरोहा) से विधायक चौधरी समरपाल सिंह, जिला महासचिव मुदस्सिर खान, पूर्व जिलाध्यक्ष अतहर हुसैन अंसारी, प्रदेश सचिव गुलजार अहमद, कादिर खान जिला कारागार पहुंचे और संभल हिंसा के आरोपितों से मुलाकात की। बाहर निकलकर आए सपा नेताओं ने मीडिया से बातचीत में आरोपितों को बेगुनाह बताया। पुलिस द्वारा बर्बरता किये जाने की बात कही।