दो बैंकों के निजीकरण के सरकार के फैसले के विरोध में यूनाइडेट फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के आह्वान पर बैंक कर्मियों की दो दिवसीय हड़ताल सोमवार से शुरू हो गई है। हड़ताल में निजी बैंक शामिल नहीं हैं, वह अन्य दिनों की तरह काम हो रहा है। हड़ताल का समर्थन बैंकों की नौ यूनियन कर रही हैं।
वाराणसी में बैंक कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से बैंकों के मुख्य गेट के ताले भी नहीं खुले। पूर्व घोषित हड़ताल की जानकारी अधिकतर लोगों को पहले से थी। जिन्हें हड़ताल की जानकारी नही थी वे बैंक शाखाओं पर जाकर वापस लौट आये। कार्य बहिष्कार कर हड़ताल में शामिल बैंक कर्मी अपनी-अपनी बैंक शाखाओं के बाहर जुटकर सरकार की नीतियों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। रथयात्रा स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य द्वार के सामने जुटे बैंक कर्मियों ने प्रदर्शन किया।
दो दिवसीय हड़ताल के चलते बैकों में लोगों के खातों से जमा-निकासी के साथ ही चेक का निस्तारण भी नहीं हो पाएगा। वाराणसी में हड़ताल को देखते हुए ही बैकों ने प्रबंधन ने एटीएम में कैश भरवा दिया गया है, जिससे लोगों को नकदी का संकट न सहना पड़े।
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बताते चलें कि केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश करते समय कहा था कि सरकार ने इस साल दो सरकारी बैंकों और एक इंश्योरेंस कंपनी के निजीकरण का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले के विरोध में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले नौ यूनियनों ने दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल शुरू की है।