सीमैप ने बनायी बुढ़ापा रोकने की चाय
लखनऊ। क्या आप सोच सकते हैं कि चाय की चुस्की लेने भर से आप कभी बूढ़े नहीं होंगे। जी हां ऐसा कर दिखाया है सीमैच के वैज्ञानिकों ने। आजकल की बदलती लाइफस्टाइल और मॉर्डन होते जमाने में लोगों में उम्र बढ़ने के बाद भी पहले की तरह जवां और तरोताजा दिखने की चाहत होती है। लोगों की ये चाहत जल्द पूरी भी हो सकती है।
केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान द्वारा ऐसी चाय बनायी गई है, जो कि बुढ़ापा रोकने में कारगर साबित होगी। वैज्ञानिक एवं औषधीय अनुसंधान परिषद (सीएसाईआर) अपना 79वां स्थापना दिवस मनाएगा। इस अवसर पर सीएसआईआर की चारों प्रयोगशालाएं सीमैप, सीडीआरआई, आइआइटीआर और एनबीआरआई कार्यक्रम में मौजूद रहेंगी। इसी कार्यक्रम के अवसर पर सीमैप हर्बल चाय की तकनीक जारी करेगा।
अल्जाइमर और पार्किंसन से भी बचाएगी चाय : सीमैप द्वारा तैयार की गई हर्बल चाय ऐसी चाय है जो कि बुढ़ापा रोकने में मददगार साबित होगी। साथ ही इसके अन्य फायदे भी होंगे। ये चाय अल्जाइमर और पार्किंसन जैसी बीमारियों को ठीक करने में मददगार होगी। चाय की खासियत ये है कि इसमें कोआगुलेटिंग गुण है, जिससे कि रक्त में जमाव नहीं होता। यही वजह है कि चाय का नियमित इस्तेमाल पार्किंसन रोग या अल्जाइमर जैसी बीमारी से बचाने में बचाता है। साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंडीइन्फ्लेमेट्री गुण मौजूद हैं जो कि शरीर में सूजन को कम करने में सहायक होते हैं।
डॉ. राकेश पांडेय ने बताया कि सेहत की सलामती के लिए कोशिकाएं दिन रात काम करती हैं। पर, उचित खान-पान न होने से कोशिकाओं को पोषण नहीं मिल पाता है। जिससे तमाम तरह की बीमारियां घेर लेती हैं। शरीर कमजोर होने लगता है। नतीजतन समय से पहले व्यक्ति बुढ़ा नजर आने लगाता है। लोगों को बढ़ापे से बचाने के लिए औषधीय पौधों के अर्क से चाय तैयार की गई है। इसे पीने से कोशिका को ताकत मिलेगी। जो बुढ़ापे को पास नहीं फटकने देगी। ये चाय हर्बल है। इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं है। उन्होंने बताया कि चाय को लेकर किया जा रहा कार्य आखिरी दौर में है। जल्द ही बाजार में उपलब्ध होगी। इस चाय को एक कप गरम पानी में डिप करके आसानी से तैयार किया जा सकता है।
20 वैज्ञानिकों की टीम ने किया है तैयार
सीमैप के वैज्ञानिक डॉ. राकेश पांडेय ने कहा कि इस तकनीक को 20 वैज्ञानिकों की टीम ने मिलकर तैयार किया है। इसमें शोध छात्रों ने भी उनकी मदद की है। बीएचयू ने भी इसका परीक्षण किया है।
फायदे में रहेंगे किसान
डॉ. राकेश पांडेय के अनुसार, यह चाय किसानों को भी फायदा देगी। चाय की खासियत यह है कि इसमें इस्तेमाल की जाने वाली हर्ब संस्थान एरोमा मिशन के तहत किसानों के खेतों में लगवा रहा है। इससे किसान सीधे तौर पर चाय कंपनियों को कच्चा माल बेच सकेंगे। इससे किसानों की आय भी बढ़ेगी और रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।