महाकाल कॉरिडोर के लोकार्पण की तैयारियों के बीच जहां बाबा महाकाल मंदिर में एक से बढ़कर एक चीजें सामने आ रही हैं जिसे लेकर श्रद्धालु बेहद खुश और उत्साहित हैं वहीं यहां एक अहम बदलाव की बात भी सामने आई है, जी हां, यहां के खूबसूरत स्थानों के नामों को लेकर एक बड़ा चेंज यानी बदलाव किया गया है, अब यहां अंग्रेजी नहीं हिंदी नामों का प्रयोग किया गया है।
बताते हैं कि महाकाल लोक के खूबसूरत नामों के लिए पहले अंग्रेजी नाम दिए गए थे लेकिन अब इन सबको बदलकर हिन्दी के नामों में परिवर्तित कर दिया गया है, अब सभी नाम हिंदी में रखे गए हैं, राज्य के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अंग्रेजी नामों को लेकर आपत्ति जताई थी इसके बाद ये नाम परिवर्तित किए गए हैं।
उज्जैन जन संपर्क ने इस बारे में जानकारी दी है, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज के द्वारा उज्जयिनी का गौरव लौटाने का हवाला देकर महाकाल लोक के अंग्रेजी नामों को हिंदी में करने का जिक्र है।
अब जानें जायेंगे इन हिंदी नामों से…
कई स्थानों के अंग्रेजी नाम हटाकर उन्हें हिंदी नाम दिए हैं, जैसे-कमर्शियल प्लाजा को त्रिवेणी मंडपम, मिड-वे ज़ोन को मध्यांचल, लोटस पॉन्ड, को कमल सरोवर, विजिटर फेसिलिटी सेंटर को मानसरोवर, नाइट गार्डन को सांध्य वाटिका, गजिबो क्षेत्रों को त्रिपथ मंडपम व भैरव मंडपम, डेक-1 को अवंतिका और डेक-2 को कनकशृंगा नाम दिया गया है। बताते हैं कि यहां हो रहे कार्य निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज ने अंग्रेजी नामों पर आपत्ति जताई थी उनके निर्देशों पर ही हिंदी नाम रखे गए हैं।
नाम ही नहीं बल्कि यहां की दुकानों का रंग-रूप भी बदला
उज्जैन महाकाल लोक का विस्तार पहले के मुकाबले 7 गुना किया गया है यानी करीब 2 एकड़ में फैले इस मंदिर का वृहद विस्तार किया गया है, इसके बाद यहां ना सिर्फ अंग्रेजी नाम बदले गए हैं बल्कि दुकानों की काया कल्प भी हो गई है यानी उनका रंग-रूप भी बदला हुआ दिखाई देगा।
इनकी दीवार लाल पत्थर से बनाई गई हैमहाकाल लोक में बाबा की पूजन सामग्री जैसे हार-फूल, प्रसाद, पूजन सामग्री की 87 दुकानें खोलने की तैयारी कर ली गई है लेकिन उन्हें लोकार्पण के बाद खोला जाएगा, बताया जा रहा है कि सभी दुकानों की दीवारें लाल पत्थर से बनाई गई है, साथ ही उन पर सुंदर नक्काशी भी की गई है, जिससे इन दुकानों की रंगत ही बदल गई है वहीं मंदिर के पास जिन दुकानों को हटाया गया था, उन्हें नई दुकानों का आवंटन होगा, ऐसा कहा जा रहा है।
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तीर्थयात्रियों की संख्या मौजूदा डेढ़ करोड़ सालाना से बढ़कर दोगुना होने का अनुमान
महाकाल लोकपरियोजना का पहला चरण दर्शन के लिए महाकालेश्वर मंदिर आने वाले तीर्थयात्रियों को विश्व स्तरीय आधुनिक सुविधाएं प्रदान करके उनके अनुभव को समृद्ध बनाने में मदद करेगा। ‘महाकाल लोक’ परियोजना का मकसद पूरे क्षेत्र में भीड़भाड़ कम करना और विरासत संरचनाओं के संरक्षण व रखरखाव पर विशेष जोर देना है। इस परियोजना के तहत मंदिर परिसर का करीब सात गुना विस्तार किया जाएगा।
पूरी परियोजना पर लगभग 850 करोड़ रुपये की लागत आएगी।परियोजना के साकार होने पर महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या मौजूदा डेढ़ करोड़ सालाना से बढ़कर दोगुना होने का अनुमान है।