मार्गशीर्ष माह, जिसे अगहन भी कहा जाता है, की पूर्णिमा तिथि पर रविवार को डालीगंज के मनकामेश्वर घाट उपवन में आदि गंगा गोमती की परम्परा के अनुरूप भव्य आरती की गई। साल की अंतिम आरती नम आंखों से सीडीएस बिपिन रावत और उनके सहयोगी वीर सैनिकों को समर्पित की गई। आरती प्रतिष्ठित मनकामेश्वर मठ-मंदिर की ओर से श्रीमहंत देव्यागिरि की अगुवाई में की गई।
आदि गंगा मां गोमती की महा आरती पर मठ-मंदिर की ओर से तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु को प्राप्त हुए देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत सहित अन्य सैनिकों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। महंत ने कहा कि वीर जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि लोग अपने अपने दायित्वों का निर्वाह ठीक उसी ईमानदारी और राष्ट्रभक्ति के साथ करें, जिस तरह सीडीएस बिपिन रावत कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने लोगों से ठंड में जरूरतमंदों की हर संभव मदद करने को कहा। साथ ही उन्होंने कोरोना के बढ़ते खतरे से बचने के लिए प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करने को भी कहा।
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आरती से पहले घाट उपवन में स्थापित आकर्षक रूप से अलंकृत मां गोमती की प्रतिमा पर अक्षत, रोली पुष्प, गंध आदि अर्पित कर पूजा की गई। आरती पर शंखनाद के साथ मां गोमती के जयकारों से घाट परिसर गूंज उठा। इस अवसर पर वरिष्ठ सेवक उपमा पाण्डेय, जगदीश गुप्ता अग्रहरि, अंकुर पाण्डेय, आशू जायसवाल, विजय मिश्रा, सचिन जायसवाल, सहित अन्य ने रंगोली, दीप, पुष्प सज्जा और आरती पूजन की व्यवस्था का दायित्व संभाला।