देशभर में कोरोना वायरस महामारी के बीच इन दिनों ऑक्सीजन का संकट भी बना हुआ है। हजारों मरीज ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं। कृत्रिम ऑक्सीजन देकर उनकी जान बचाने की कोशिश की जा रही है। यूपी के मेरठ मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी की वजह से करीब 70 से 80 मरीजों की जान खतरे में पड़ गई। जिसके बाद मोदीनगर से मेरठ तक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर ऑक्सीजन अस्पताल में पहुंचाई गई। ग्रीन कॉरिडोर की मदद से सिर्फ 20 मिनट में मेडिकल की टीम ऑक्सीजन के साथ अस्पताल में पहुंच गई। ऑक्सीजन पहुंचते ही तुरंत मरीजों को सप्लाई दी गई, जिससे उनकी जान बचाई जा सकी।
मेरठ मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों के मुताबिक वहां के इमरजेंसी वॉर्ड में फिलहाल 70-80 मरीजों का इलाज चल रहा है, जिनमें 68 मरीजों की हालत ऐसी है कि उन्हें ऑक्सीजन दी जा रही है। ऑक्सीजन की अचानक कमी की वजह से वहां मरीजों की जान खतरे में पड़ गई। जिसके बाद मोदीनगर से मेरठ तक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर महज 20 मिनट मेंऑक्सीजन अस्पताल में पहुंचाई गई। अधिकारियों के मुताबिक मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में दो कंपनियों की तरफ से ऑक्सीजन की सप्लाई दी जाती है।
इमरजेंसी वॉर्ड में रुकी ऑक्सीजन सप्लाई
इन दिनों हर जगह ऑक्सीजन की कमी की खबरें सामने आ रही हैं। बुधवार को अचानक मेरठ मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वॉर्ड में ऑक्सीजन की दिक्कत हो गई। थोड़ी देर के लिए सप्लाई रुक गई, जिसकी वजह से मरीज काफी परेशान हो गए। हर तरफ अफरातफरी का माहौल बन गया। गुरुवार को एक बार फिर इसी तरह की स्थिति देखने को मिली। शाम को अचानक सप्लाई कम होने की वजह से अस्पताल में हड़कंप मच गया।
जैसे-तैसे एक टैंकर अस्पताल पहुंचा लेकिन जरूरी उपकरण मौजूद नहीं होने की वजह से इमरजेंसी वॉर्ड से ऑक्सीजन की सप्लाई लाइन नहीं जोड़ी जा सकी। मेडिकल कॉलेज प्रशासन और एडीएम सिटी अजय तिवारी को जैसे ही इस बात का पता चला वहां तनाव का माहौल बन गया।
ग्रीन कॉरिडोर से सिर्फ 20 मिनट में पहुंची ऑक्सीजन
एडीएम सिटी ने तुरंत एसपी ट्रैफिक और दूसरे अधिकारियों से बात की, तब तक ऑक्सीजन लेकर कंपनी के कर्मचारी मोदीनगर से निकल गए। एडीएम ने सभी अधिकारियों से तुरंत ग्रीन कॉरिडोर बनाए जाने को कहा। पुलिस की मुस्तैदी से ग्रीन कॉरिडोर की मदद से 20 मिनट में ऑक्सीजन अस्पताल पहुंच गई। एक बार फिर से ऑक्सीजन को इमरजेंसी वॉर्ड के मरीजों के साथ कनेक्ट कर दिया गया और उनकी जान बचाई जा सकी।
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एसपी सिटी अजय कुमार के मुताबिक अस्पताल के इमरजेंसी वॉर्ड में ऑक्सीजन की कमी से थोड़ी दिक्कत जरूर हुई थी लेकिन ट्रैफिक पुलिस की कोशिशों से मोदीनगर से मेरठ तक सिर्फ 20 मिनट में ऑक्सीजन पहुंच गई।