टूलकिट मामले के आरोपियों पर चौतरफा मुसीबतें बरस रही हैं। दरअसल, इस मामले में एक तरफ बंबई हाईकोर्ट ने वकील निकिता जेकब की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई टाल दी है। वहीं दिल्ली पुलिस ने इस मामले में अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करने की मुहीम तेज कर दी है। इस मामले में पुलिस ने अभी एक गिरफ्तारी की है, लेकिन तीन अन्य आरोपियों की तलाश में जुट गई है। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस ने इस मामले में बड़ा खुलासा किया है और खालिस्तानी कनेक्शन की भी जांच कर रही है।
टूलकिट मामले में पुलिस ने किया खुलासा
अभी टूलकिट मामले में सिर्फ तीन नाम सामने आये हैं। इनमें दिशा रवि, निकिता जैकब और शांतनु शामिल हैं। दिल्ली पुलिस ने इन तीनों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए क्लाइमेट चेंज एक्टिविस्ट दिशा रवि को बेंगलुरु से गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन अभी भी निकिता जैकब और शांतनु की तलाश जारी है।
टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस ने निकिता जेकब व शांतनु के विरुद्ध नान बेलेबल वारंट जारी किया है। इसी वजह से सोमवार को निकित जेकब सोमवार को बंबई हाईकोर्ट में अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी। हालांकि हाईकोर्ट ने इस याचिका की सुनवाई मंगलवार तक के टाल दी है।
वकील निकिता जेकब ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि उन्हें 4 सप्ताह की अंतरिम जमानत दी जाए, जिससे वे इस मामले में दिल्ली में अपना पक्ष रख सकें। बंबई हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया है।
जानकारी के अनुसार किसान आंदोलन को हथियार बनाकर देश को बनदाम करने के लिए टूलकिट की साजिश रची गई थी।
बताया जा रहा है कि पोएटिक फाउंडेशन के संस्थापक एम ओ धालीवाल ने निकिता से पुनीत के मार्फत संपर्क किया था। यह लोग गणतंत्र दिवस से पहले किसान आंदोलन के समर्थन में सोशल मीडिया पर संदेश प्रसारित करना चाहते थे। इस बाबत धालीवाल, निकिता, शांतनु, दिशा सहित कई अन्य लोगों की ज़ूम ऐप पर मीटिंग हुई थी। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने निकिता जेकब के घर से कई इलेक्ट्रानिक्स उपकरण की छानबीन की है।
दिल्ली पुलिस के अनुसार जांच टीम दोबारा निकिता जेकब के घर गई थी लेकिन निकिता घर पर नहीं थीं। इन सब पर देश में खलिस्तानी गतिविधियों की साजिश रचने की आशंका भी जताई जा रही है।
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दिल्ली पुलिस का कहना है कि इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस को खालिस्तानी एंगल भी मिला है। पुलिस के मुताबिक, ये खलिस्तानी ग्रुप को दोबारा खड़ा करने की बड़ी साजिश है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दिशा और टूलकिट से जुड़े अन्य लोग खालिस्तानी संगठन पोइटिक जस्टिस फाउंडेशन के धालीवाल के संपर्क में थे। हालांकि, दिशा ने धालीवाल या पोइटिक जस्टिस फाउंडेशन से किसी लिंक से इनकार किया है।