चित्रकूट में नाबालिग से रेप व हत्या मामले में तीन अभियुक्त गिरफ्तार

चित्रकूट जिले के बहिलपुरवा थाना क्षेत्र के सेमरदहा गांव की 17 साल की नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में महानिदेशक सीबीसीआईडी लखनऊ ने हाईकोर्ट में आज हाजिरी से छूट की अर्जी दी। उनकी तरफ से हलफनामा दाखिल कर बताया गया कि इस मामले में तीन नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वीडियो कान्फ्रेंसिंग लिंक जुड़ न पाने के कारण वह पेश नहीं हो सके। हाईकोर्ट ने इस केस में 28 जनवरी को अगली सुनवाई की तारीख नियत की है।

शिव विजय की याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की खंडपीठ ने की। कोर्ट ने केस की विवेचना कर चार्जशीट दाखिल करने में देरी पर कल नाराजगी जताई थी और कहा था कि विवेचनाधिकारी अंतिम प्रगति रिपोर्ट पेश करें।

याची पिता का कहना है कि 22-23 अगस्त 2020 की रात में नाबालिग लड़की की हत्या कर शव को सहजन के पेड़ में लटका दिया गया, ताकि आत्महत्या का रूप दिया जा सके। तत्कालीन थानाध्यक्ष बहिलपुरवा जयशंकर सिंह ने शिकायत फाड़ कर फेंक दिया और दबाव डाल कर दूसरा लिखवाया। इसके बाद पंकज पांडेय ने थाने का चार्ज लिया उसने भी वही काम किया। याची ने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट के निर्देश पर तत्कालीन थानाध्यक्ष बहिलपुरवा पंकज पांडेय, आरोपी सोनू, लवकुश, लालमन एवं तीन अज्ञात के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई। निष्पक्ष जांच न होने पर सीबीसीआईडी को जांच सौंपी गई।

मालूम हो कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चित्रकूट के बहिलपुरवा थाना क्षेत्र में नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुराचार व हत्या मामले में सीबीसीआईडी के महानिदेशक को मंगलवार 18 जनवरी को हाजिर होने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने महानिदेशक से छह हफ्ते में अंतिम विवेचना की प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। जिसका न तो पालन किया गया और न ही उनकी तरफ से अतिरिक्त समय मांगा गया।

सरकारी वकील ने यह कहते हुए समय मांगा कि डीएनए रिपोर्ट अभी नहीं मिली है। इसलिए समय दिया जाय। कोर्ट ने कहा विवेचना सीबीसीआईडी को सौंपे 10 महीने बीत चुके हैं। समय देने से इंकार कर दिया था।

इससे पहले भी हाईकोर्ट ने पुलिस को निष्पक्ष विवेचना करने का निर्देश दिया था। पुलिस थाना प्रभारी सहित आरोपियों के खिलाफ आरोपों की जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी गई। विफल होने पर कोर्ट ने महानिदेशक को छह हफ्ते में प्रगति रिपोर्ट मांगी थी। सरकारी वकील ने प्रगति रिपोर्ट पेश कर कहा डीएनए रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। समय दिया जाय। रिपोर्ट महानिदेशक सीबीसीआईडी से मांगी गई थी। उन्होंने रिपोर्ट नहीं दी। याची का कहना था कि अभियुक्तों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उन्हें गिरफ्तार भी नहीं किया गया है। पुलिस शिकायतकर्ता को परेशान कर रही है।

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याची के अधिवक्ता ने न्यायालय को अवगत कराया कि विधि विज्ञान प्रयोगशाला प्रयागराज की रिपोर्ट में शुक्राणु पाये गये हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि गैंगरेप के बाद हत्या की गई है। नामजद आरोपियों की आज तक गिरफ्तारी नहीं की गई है।