सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है। जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आती है और इसकी छाया से जब चंद्रमा पूरी तरह ढक जाता है तो इसे चंद्र ग्रहण कहा जाता है। नवंबर माह में लगने जा रहे चंद्र ग्रहण को साल का अंतिम चंद्र ग्रहण माना जा रहा है। पंचांग के अनुसार, इस साल का आखिरी चंद्रग्रहण 30 नवंबर को लगने जा रहा है। साल का अंतिम चंद्र ग्रहण एक उपछाया चंद्रग्रहण होगा, जिस कारण इस चंद्र में सूतक काल मान्य नहीं होगा।
ग्रहण में सूतक काल का विशेष महत्व बताया गया है। चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल प्रारंभ होता है। सूतक काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। सूतक काल ग्रहण के समाप्त होने पर ही खत्म होता है। सूतक काल में मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। साल का अंतिम चंद्र ग्रहण वृष राशि और रोहिणी नक्षत्र में लगने जा रहा है।
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उपच्छाया चंद्र ग्रहण
वृष राशि में लगने वाला चंद्र ग्रहण उपच्छाया है। इसे ‘पेनुमब्रल’ भी कहा जाता है। साल के अंतिम चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 04 घंटे 21 मिनट की होगी। यह चंद्र ग्रहण भारत, अमेरिका, प्रशांत महासागर, एशिया और आस्ट्रेलिया में दिखाई देगा।
चंद्रग्रहण की तिथि और समय
ग्रहण का प्रारंभ: 30 नवंबर, 2020 दोपहर 1:04 बजे
ग्रहण का मध्यकाल: 30 नवंबर, 2020 दोपहर 3:13 बजे
ग्रहण समाप्त: 30 नवंबर, 2020 शाम 5:22 बजे