उत्तर प्रदेश में कोरोना का कहर लगातार जारी है। यहां बीते 24 घंटे में 22439 नए मरीज मिले हैं, जबकि 104 लोगों की मौत हो गई है। विशेषकर लखनऊ में तो हालात इतने ज्यादा बिगड़ गए हैं कि लोग इस महामारी में जान गंवाने वाले अपने पारिवारिक सदस्य का शव लेने तक से पीछे हट रहे हैं। ताजा हालात देखकर कहा जाए कि कोरोना के आगे राजधानी लखनऊ में भी तमाम व्यवस्थाएं ढह गई हैं तो गलत नहीं होगा।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लखनऊ में बीते 24 घंटे में 5183 नए मरीज सामने आए हैं। राजधानी के केजीएमयू अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों को न तो बेड मिल पा रहा है और न ही वैक्सीन। यहां भर्ती कोरोना संक्रमित मरीज के भाई भानू ने बताया कि दो दिन पहले उसके बड़े भाई की कोविड से मौत हो चुकी है। उसका छोटा भाई भी मरने की स्थिति में है। उन्होंने हॉस्पिटल स्टाफ से अपने भाई के लिए इंजेक्शन उपलब्ध कराने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि ऐसा करने के लिए अभी तक कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। बता दें कि यह हालात केवल केजीएमयू के ही नहीं है, बल्कि तमाम अस्पतालों में बेड के लिए मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है।
दो दिन तक बेड नहीं मिला, आज सुबह मौत
लखनऊ में 60 साल के कोरोना संक्रमित मरीज अलीगंज निवासी सुशील कुमार श्रीवास्तव की आज सुबह मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि वे उन्हें ऑक्सीजन का सिलेंडर लगाकर दो दिन तक एक अस्पताल से दूसरे और दूसरे से तीसरे अस्पताल भागते रहे, लेकिन कहीं भी बेड नहीं मिला। गुरुवार की देर रात विवेकानंद अस्पताल में बेड मिला, लेकिन तब तक उनकी हालत बहुत ज्यादा बिगड़ चुकी थी। आज सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया।
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पूर्व मंत्री भगवती सिंह की मौत के बाद बेटे ने भी तोड़ा दम
पूर्व मंत्री भगवती सिंह की कोरोना संक्रमण से मौत होने के 12 दिन बाद उनके बेटे राकेश कुमार सिंह ने भी दम तोड़ दिया। उनका इलाज लोहिया अस्पताल में चल रहा था। राकेश के भाई को भी कोरोना हुआ है और इस वक्त वो ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं।
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