महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल लाने वाले एकनाथ शिंदे गुट को ठाकरे परिवार के सदस्यों का भी साथ मिलता दिख रहा है। दरअसल शिंदे गुट को शिवसेना के दो-तिहाई विधायक, 18 में से 12 सांसद, सैकड़ों पार्षदों के अलावा वरिष्ठ नेताओं और जिला इकाई प्रमुखों का समर्थन पहले ही मिल चुका है। ऐसे में पिछले हफ्ते शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की बहू और पोते स्मिता ठाकरे और निहार ठाकरे ने सीएम एकनाथ शिंदे से मुलाकात की और उन्हें अपना समर्थन दिया।
जहां इस मुलाकात की चर्चा खूब जोरों पर हैं, वहीं स्मिता ठाकरे ने इसे महज शिष्टाचार भेंट बताया है। उन्होंने कहा है कि एकनाथ शिंदे को मैं पिछले कई सालों से जानती हूं। वो पुराने शिवसैनिक हैं और बालासाहब की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं। मैंने उन्हें बधाई दी है। बता दें कि स्मिता ठाकरे शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के दूसरे बेटे जयदेव ठाकरे की दूसरी पत्नी हैं। दोनों 2000 के दशक की शुरुआत में अलग हो गए थे। उसके बाद जयदेव ने दूसरी शादी कर ली थी।
फिलहाल जयदेव ने राजनीति से दूरी बना रखी है। वो बाल ठाकरे द्वारा छोड़ी गई वसीयत को अदालत में चुनौती देने के लिए भी चर्चा में रहे थे। वहीं स्मिता और उनके बेटे की शिंदे संग मुलाकात के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
यह भी हो सकती रणनीति:
द इंडियन एक्सप्रेस से राजनीतिक विशेषज्ञ संजय पाटिल ने कहा कि स्मिता और निहार ठाकरे दोनों ने ही हाल के दिनों में राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। उन्होंने कहा कि शिंदे के साथ उनकी मुलाकात पार्टी कैडर के बीच भ्रम पैदा करने का एक प्रयास हो सकता है कि न केवल विधायक, सांसद शिंदे के साथ हैं बल्कि ठाकरे परिवार के सदस्य भी समर्थन कर रहे हैं।
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क्या बोले निहार ठाकरे:
एकनाथ शिंदे संग मुलाकात के बाद निहार ने कहा कि उनकी अभी सक्रिय राजनीति में आने की कोई योजना नहीं है, लेकिन उनका मानना है कि शिंदे बालासाहेब की विचारधारा को आगे बढ़ाएंगे और वो समर्थन के हकदार हैं। उन्होंने कहा कि शिंदे को जो भी कानूनी सहायता या सलाह की आवश्यकता होगी, वह मेरी फर्म द्वारा प्रदान की जाएगी और मैं उनकी बेहतरी की कामना करता हूं।