रुद्राक्ष वेरालू पेड़ का बीज है और पारंपरिक रुप से हिन्दु और बौद्धों द्वारा प्रार्थना की जप माला के लिए प्रयोग किया जाता है। रुद्राक्ष माला शक्ति के वो वैदिक मनके हैं जो ज्ञान और मुक्ति के लिए योगियों और ऋषियों द्वारा धारण किए जाते हैं। यह चिंता को दूर करने में मदद करते हैं और रुद्राक्ष धारक को मन की शांति प्रदान करते हैं। रुद्राक्ष धारण करने वाले के कर्म बदल देते हैं और उसे सत्य व ध्येय के मार्ग पर चलाते हैं। तो आइए जानते हैं रुद्राक्ष धारण करने के फायदे के बारे में…
रुद्राक्ष सक्रिय रुप से तनाव को नियंत्रित करते हुए शरीर, मन और आत्मा के लिए बेहद सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न कराते हैं। रुद्राक्ष व्यक्ति में शुद्धता लाकर उसके आंतरिक इंद्रियों की शक्ति में वृद्धि लाते हैं। यह आध्यात्मिकता का शक्तिशाली सुरक्षा कवच बनाते हैं, जो आपकी सफलता के मार्ग में आने वाली सभी बाधाओं को नियंत्रित करते हैं। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की सकारात्मक ऊर्जाओं को एकत्रित कराते हैं, जिससे आपके जीवन में सभी कार्य सकारात्मक होते हैं। रुद्राक्ष को आध्यात्मिक साधक बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं। क्योंकि रुद्राक्ष ही उन्हें देवत्व की उपस्थिति देते हैं। रुद्राक्ष शरीर में कुंडलनी को जगाने में मदद करते हैं और सभी महत्वपूर्ण ऊर्जाओं को शांतिपूर्ण संतुलन में लाते हैं।
किस व्यक्ति को कौनसा रुद्राक्ष धारण करना चाहिए
ब्राह्मण वर्ण
ब्राह्मण को श्वेत अर्थात सफेद रंग के रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
क्षत्रिय वर्ण
क्षत्रिय लोगों के लिए रक्त समान वर्ण के अर्थात गहरे लाल रंग का रुद्राक्ष हितकर माना जाता है।
वैश्य वर्ण
वैश्य लोगों के लिए पीत वर्ण का अर्थात पीले रंग का रुद्राक्ष धारण करना शुभ होता है।
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शूद्र वर्ण
शूद्र वर्ण के लोगों के लिए कृष्ण वर्ण का रुद्राक्ष धारण करना अति शुभ माना जाता है।