पंजाब के सरकारी कर्मचारियों को सितंबर माह में छह दिन जाने के बाद भी अगस्त की सैलरी नहीं मिली है। आमतौर पर महीने की एक तारीख तक सभी कर्मचारियों को वेतन अदा कर दी जाती है। इसके चलते ये चर्चा है कि राज्य सरकार फंड की कमी से जूझ रही है। अब इन खबरों पर पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने बताया है कि आखिर क्यों वेतन अदा करने में देरी हुई है।
क्या कहा पंजाब सरकार ने?
हरपाल सिंह चीमा ने बुधवार को कहा कि ‘पंजाब सरकार ने 9,000 संविदा (कान्ट्रैक्ट आधारित) कर्मचारियों को स्थायी कर दिया है, जिससे राज्य सरकार के कर्मचारियों को वेतन देने की प्रक्रिया में 3-4 दिन की देरी हो रही है। सभी का वेतन आज जारी कर दिया जाएगा।’
पंजाब के वित्त मंत्री ने आश्वासन दिया कि केवल प्रक्रिया में देरी हो रही है और राज्य में फंड की कोई कमी नहीं है। आज शाम तक सभी को सैलरी अदा कर दी जाएगी।
राज्य के खजाने पर बढ़ा सब्सिडी का बोझ
पंजाब में सरकारी कर्मचारियों को महीने की एक तारीख तक वेतन अदा कर दिया जाता है। ऐसे में 6 दिन की देरी की वजह से ये चर्चा है कि राज्य सरकार फंड की कमी से जूझ रही है। इस मामले से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि GST मुआवजा व्यवस्था खत्म होने के बाद से ही सरकार फंड की कमी से जूझ रही है। राज्य को पिछले वित्त वर्ष में केंद्र से GST मुआवजे के रूप में 16,000 करोड़ रुपये मिले थे। 30 जून के बाद से GST मुआवजा की प्रक्रिया समाप्त हो गई है।
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इसके अलावा 20,000 करोड़ रुपये का सब्सिडी का बोझ भी सरकारी खजाने पर पड़ेगा। हर घर को 300 यूनिट तक मुफ्ट बिजली देने, पिछले साल दिसंबर तक बकाया बिलों को भी माफ करने जैसे फैसलों के करण राज्य के खजाने पर बोझ बढ़ा है। ऐसे में सैलरी में देरी को फंड की कमी से जोड़कर देखा जाने लगा। हालांकि, पंजाब सकरार ने अब इसपर स्पष्टीकरण दिया है और फंड की कमी के दावों को खारिज कर दिया है।