सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनाई गई देश की नई संसद भवन की इमारत बनकर तैयार हो गई है। 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। आपको बता दें कि गुरूवार (18 मई) को लोकसभा सचिवालय की ओर से इसकी जानकारी दी गई थी कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने पीएम मोदी से मुलाकात की और उन्हें नए संसद के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया। यह भी बताया गया कि 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन किया जाएगा।
नए संसद भवन की इमारत राजधानी दिल्ली स्थित पुरानी संसद की इमारत के बगल में ही बनाई गई है। इसका निर्माण वर्तमान की जरूरतों को देखते हुए किया गया है। दरअसल, संसद भवन की पुरानी इमारत अंग्रेजी हुकूमत के दौरान वर्ष 1927 में बनाई गई थी, यह इमारत आज की जरूरतों को पूरा नहीं करती है। इसमें दोनों सदनों में सांसदों के लिए सीटों की संख्या कम, आधुनिक दौर में स्मार्ट वस्तुओं की जरूरत होती है, जोकि पुरानी संसद में नहीं है, इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए नए संसद भवन की इमारत का निर्माण करवाया गया है।
नए संसद भवन की खासियत
आपको बता दें कि पुरानी संसद 47,500 हजार वर्ग मीटर में बनी हुई है, जबकि नया संसद भवन 65,500 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाई गई है। इसे निर्माण त्रिकोण आकार में किया गया है। भविष्य में अगर सांसदों की संख्या बढ़ती है तो उसके दृष्टिगत नए भवन में सीटों की क्षमता बढ़ाई गई है। बता दें कि इस भवन में लोकसभा सदन में कुल 888 सीटों की क्षमता है, जबकि राज्यसभा हॉल में 384 सीट तक की क्षमता है। ज्वाइंट सत्र के मौके पर लोकसभा हॉल में 1272 सीटों का इंतजाम किया जा सकता है। नई बिल्डिंग में ऑडियो विजुअल सिस्टम, डाटा नेटवर्क फैसिलिटी का ध्यान रखा गया है।
संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा कक्षों के अलावा नए भवन में एक भव्य संविधान कक्ष होगा, जिसमें भारत की लोकतांत्रिक विरासत दर्शाने के लिए अन्य वस्तुओं के साथ-साथ संविधान की मूल प्रति, डिजिटल डिस्पले आदि होंगे। इस भवन में सभी सांसदों को डिजिटल सुविधाएं मिलेगीं।