लखनऊ। प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी पर नियंत्रण करने के साथ-साथ राज्य में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में शिक्षारत बालिकाओं की पढ़ाई एक भी दिन रुकने नहीं दी। इसके लिये तकनीकी का बेहतर इस्तेमाल करते हुए उनको ई-पाठशाला, दूरदर्शन और व्हाट्सएप के माध्यम से पढ़ाया गया। 79400 बालिकाओं का कोर्स पूरा कराने के साथ उनके लिये यू-ट्यूब पर कार्यक्रम भी आयोजित किये गये।
बेटियों को आत्मनिर्भर और स्वाबलंबी बनाने के लिये योगी सरकार ने प्रदेश के 746 विकासखंडों में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय संचालित किये। इनमें से 300 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में कक्षा 06 से 08 तक की बालिकाएं शिक्षा ले रही हैं। 446 विद्यालयों में कक्षा 06 से 12 तक की बालिकओं को पढ़ाया जा रहा है। इन विद्यालयों में अनुसूचित जाति/जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग और बीपीएल परिवारों की बालिकाओं को आवासीय सुविधा के साथ शिक्षा देने की भी व्यवस्था की गई है।
यह पहला मौका है जब प्रदेश में बड़ी संख्या में बालिकाओं को पढ़ने और आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है। प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा में सुधार लाने के प्रयास शुरू किये। विद्यालयों को उच्चीकृत कराने के साथ पाठ्यक्रमों में बदलाव। शिक्षकों को नवीन तकनीकी का प्रशिक्षण दिलाने और समाज के प्रत्येक वर्ग के बालक-बालिकओं को शिक्षा दिलाने के लिये विद्यालयों की स्थापना कराई गई। कोविड 19 से प्रभावित बच्चों की सुरक्षा एवं मानसिक स्वास्थ्य विषय पर निम्हांस, बंगलौर के सहयोग से संवाद कार्यक्रम आयोजित किये गये। यू-ट्यूब सत्रों के आयोजन से यह संभव हो सका।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के गुणवत्तापरक संचालन के लिये प्रेरणा पोर्टल मॉनीटरिंग प्रणाली विकसित की गई। इसके माध्यम से विद्यालयों की अवस्थापना सुविधाएं, स्टॉफ और बच्चों की उपस्थिति, विद्यालयों की ग्रेडिंग, सुरक्षा व्यवस्था आदि की निगरानी संभव हुई। प्रदेश में बालिकाओं की क्षमता संवर्दधन के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण, स्काउट गाइड संबंधी गतिविधियां, मीना मंच, व्यवसायिक शिक्षा और जीवन कौशल विकास कार्यक्रम संचालित करने वाली सरकार लगातार बालिकाओं को आगे बढ़ाने में जुटी है।