इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के 11 मार्च 21 को हुए चुनाव की वैधता के खिलाफ याचिका पर नोटिस जारी कर राज्य सरकार सहित अन्य विपक्षियों से जवाब मांगा है। अदालत में दायर इस याचिका की अगली सुनवाई 9 जुलाई को होगी।
अदालत ने थमा दी नोटिस
अदालत ने राहत न देते हुए कहा है कि इस दौरान जो भी कार्यवाही होगी वह याचिका के निर्णय पर निर्भर करेगी। यह आदेश न्यायमूर्ति डॉ कौशल जयेन्द्र ठाकर तथा न्यायमूर्ति दिनेश पाठक की खंडपीठ ने अल्लामा जमीर नकवी व अन्य की याचिका पर दिया है।
याचिका पर अधिवक्ता का कहना है कि पूर्व सदस्य जफर फारूकी बोर्ड के चेयरमैन चुने गये हैं। जब ये सदस्य थे तो इन्होंने वक्फ की जमीन अवैध रूप से बेच डाला था। इस मामले में 2009 में केस दर्ज कराया गया है। चेयरमैन चुने जाने के बाद इन्होंने अपने पक्ष में केस वापस लेने का आदेश दिया है।
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अदालत में दायर याचिका में यह भी कहा गया है कि दशकों से बोर्ड के खाते का आडिट नहीं कराया जा रहा है, जबकि चेयरमैन मुतवल्ली भी है। वक्फ एक्ट की धारा 46 व 47 में हर वर्ष आडिट कराने का उपबंध है, जिसकी अनदेखी कर जमीनों की अवैध बिक्री व घोटाला किया जा रहा है। जिस पर रोक लगाई जाय। कोर्ट ने विपक्षियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।