राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक रविवार को हुई. इस बैठक में राम मंदिर के निर्माण पर आने वाले खर्च को लेकर चर्चा हुई, जिसमें लगभग अट्ठारह सौ करोड़ रुपए के खर्च का आंकलन किया गया है. इस बैठक में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्ट ने नियमावली पर अंतिम मुहर लगा दी गई है. जानकारी के मुताबिक, राम मंदिर परिसर में ही 7 अन्य मंदिर भी बनेंगे. इसके मुताबिक, राम जन्मभूमि परिसर में महा ऋषियों और रामायण कालीन पत्रों को भी दी जाएगी। महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त के साथ निषादराज, माता शबरी और जटायु के मंदिर का निर्माण किया जाएगा.
1800 करोड़ रुपये की होगी लागत
राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक में चंपत राय, महासचिव, राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने कहा कि बैठक में 15 में से 14 ट्रस्टी उपस्थित रहे. 2 साल से मंदिर निर्माण का कार्य चल रहा है. कार्य के शुरुआत में कोई भी मंदिर बनने की लागत का अंदाज़ा नहीं लगा पा रहे थे. लेकिन अब हम इस तक पहुंच रहे हैं. उन्होंने कहा कि शायद मंदिर के निर्माण कार्य पर 1800 करोड़ रुपए का खर्च आ सकता है लेकिन आने वाले दिनों में इस कीमत में संशोधन हो सकता है.
ये ट्र्स्टी बैठक में हुए शामिल
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के 15 ट्रस्टियों में से 14 ट्रस्टियों ने बैठक में हिस्सा लिया, जिसमें 10 ट्रस्टी बैठक में मौजूद रहे, तो चार ट्रस्टियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जोड़ा गया था. वहीं, केंद्र सरकार के प्रतिनिधि ज्ञानेश कुमार बैठक में शामिल नहीं हो पाए.
शंकराचार्य को दी गई श्रद्धांजलि
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टियों ने द्वारिका पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती और ASI के पूर्व महानिदेशक बृजवासी लाल को श्रद्धांजलि दी. बता दें कि द्वारिका पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का निधन रविवार को हो गया. वो 98 वर्ष के थे. उन्होंने आजादी में भाग लेने से लेकर हिंदू समाज में जागरण फैलाने वाले तमाम कार्यक्रमों को शुरू किया. उन्होंने साईं बाबा के खिलाफ भी अभियान चलाया था.