तेलंगाना राष्ट्र समिति का अस्तित्व अब खत्म हो गया। यह पार्टी अब बीआरएस यानि कि भारत राष्ट्र समिति कहलाएगी। पार्टी के मुखिया और तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर ने ये बदलाव करते हुए राष्ट्रीय राजनीति में उतरने का ऐलान कर दिया है। टीआरएस ने इस साल अप्रैल में अपने स्थापना दिवस कार्यक्रम में संकल्प लिया था कि पार्टी को देश के हित में राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। जिसके बाद यह बदलाव किया गया है।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव कुछ महीनों से लगातर भाजपा विरोध गठबंधन बनाने के लिए कई विपक्षी पार्टी के नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं। ममता बनर्जा से लेकर नीतीश कुमार तक से उन्होंने मुलाकात की थी। इसके बाद बुधवार को उन्होंने अपनी राष्ट्रीय पार्टी की घोषणा कर दी है।
टीआरएस का नाम बदलकर बीआरएस करने का फैसला आम सभा की बैठक में लिया गया। इसके लिए टीआरएस जनरल बॉडी द्वारा एक प्रस्ताव पारित किया गया है। राष्ट्रीय पार्टी की लॉन्चिंग के बाद टीआरएस कार्यकर्ता के बीच जश्न का माहौल देखा गया है। हैदराबाद में जगह-जगह पटाखे फोड़े जा रहे हैं।
इस बदलाव के बाद टीआरएस को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम और प्रासंगिक नियमों के अनुसार परिवर्तन के बारे में चुनाव आयोग को जानकारी देनी पड़ेगी, जिसके बाद नई पार्टी को आयोग मान्यता देगा। ज्यादातर संभावना है कि पार्टी का चुनाव चिन्ह पुराना वाला ही रहेगा।
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पार्टी की योजना 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कई राज्यों से उम्मीदवार उतारने की है। केसीआर की नजर अब केंद्र की गद्दी पर है। इसलिए वो कई क्षेत्रीय पार्टियों से गठबंधन करने की कोशिश कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पार्टी अपने पहले चुनाव के रूप में 4 नवंबर को मुनूगोड़े विधानसभा उपचुनाव लड़ सकती है। इसके अलावा बीआरएस गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली में भी विधानसभा चुनाव लड़ सकती है।