पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजें आने के बाद हुई आगजनी और हिंसा में कई लोगों की जान चली गई, और कई लोगों ने तो अपनी जान बचाने के लिए बंगाल से पलायन करना शुरू कर दिया और दूसरे राज्यों में शरण ले ली। कूचबिहार में हुई हिंसा को लेकर कल राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बंगाल का दौरा किया था और इसी क्रम में आज बंगाल से हिंसा के डर से पलायन कर असम के राहत शिविरों में रह रहे हिंसा प्रभावित लोगों से आज सुबह मुलाकात की। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता सरकार की आपत्तियों के बावजूद शुक्रवार को असम के रनपगली और श्रीरामपुर शिविरों का दौरा कर चुनाव नतीजों के बाद बदला लेने के लिए हुई हिंसा की वजह से बंगाल से भागकर वहां सुरक्षा के लिए शरण लिए लोगों से मुलाकात की। इन शिविरों में बड़ी संख्या में रह रहे बंगाल के लोगों से मिलकर राज्यपाल ने उनका दुख-दर्द साझा किया।
स्थिति बहुत ही है खराब
असम का दौरा करने के बाद राज्यपाल ने सिलीगुड़ी में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आशा से अधिक स्थिति खराब है। पूरा राज्य जल रहा है और कोई देख नहीं रहा है। कूचबिहार में राज्यपाल के काफिले को रोका जाता है। लोग पुलिस और थाना से डरते हैं।आशा करते हैं कि काफिला रोके जाने के मामले की जांच होगी। सीएस और डीजी से पूछेंगे कि इसके पीछे कौन हैं? आज असम गया था, लोगों के आंसू थम नहीं रहे हैं। कौन किया है। सभी जान रहे हैं,लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मैं गोली खाऊंगा, लेकिन उन्हें लौटाउंगा। सीएम से बात करूंगा। पुलिस और प्रशासन कठपुतली है। महिला सीएम हैं। महिलाओं पर अत्याचार बंद हो।
राज्यपाल ने पीड़ितों से की मुलाकात
राज्यपाल सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के हेलीकॉप्टर से सुबह करीब 10 बजे सबसे पहले रनपगली स्थित शिविर में पहुंचे। यहां लोगों से मुलाकात के बाद उन्होंने श्रीरामपुर कैंप जाकर पीड़ितों से मिले। इस दौरान राज्यपाल के स्वागत के लिए दोनों स्थानों पर संबंधित जिले के डीएम, एसपी व अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।बता दें कि रनपगली असम के धुब्री जिले में है जबकि श्रीरामपुर कोकराझार जिले में है। दोनों जिले बंगाल से सटे हुए हैं।
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टीएमसी ने करार दिया असंवैधानिक
गौरतलब है कि एक दिन पहले राज्यपाल ने बंगाल के कूचबिहार जिले के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी। दूसरी ओर, बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के राज्यपाल के इस कदम की कड़ी आलोचना करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया है। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद व प्रवक्ता सौगत राय ने कहा कि राज्यपाल ने राज्य सरकार की सलाह नहीं मानी और उन्होंने इसकी अनदेखी कर दौरा किया है। राज्यपाल का यह कदम पूरी तरह से असंवैधानिक है। बता दें कि इस बार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को राज्यपाल धनखड़ को पत्र लिखकर इस दौरे से परहेज करने की अपील की थी, लेकिन इसके बावजूद राज्यपाल ने यह दौरा किया है।