सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के मेवात-नूह इलाके में रह रहे हिंदुओं को योजनाबद्ध तरीके से परेशान कर आबादी का संतुलन बिगड़ने की एसआईटी जांच करने की मांग करनेवाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार किया है। याचिका में मेवात में बड़े पैमाने पर हो रहे धर्मांतरण का जिक्र किया गया था। याचिका कुछ वकीलों और कार्यकर्ताओं ने दायर की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं ने की थी मांग
सुप्रीम कोर्ट से याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील विष्णु शंकर जैन ने मेवात-नूह इलाके में रहने वाले हिंदू समुदाय को उनकी सम्पति, जमीन, मंदिर, श्मशान घाट वापस दिलाये जाने की मांग की थी। याचिका में हिंदू समुदाय के साथ गैंगरेप, मर्डर, अपहरण जैसे मामलों की एसआईटी से जांच की मांग भी की गई थी। याचिका में कहा गया था कि स्थानीय पुलिस अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करने में विफल रही है।
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याचिका में कहा गया था कि तबलीगी जमात के संरक्षण में मुस्लमों ने धीरे-धीरे अपनी शक्ति बढ़ाई है। हिंदुओं की संख्या बीस फीसदी से घटकर अब दस-ग्यारह फीसदी रह गई है। हिंदुओं से जबरन धर्मांतरण करवाया जा रहा है। याचिका में कहा गया था कि मेवात-नूह में 431 गांव हैं जिसमें से 103 गांव में हिन्दू बिल्कुल नहीं हैं। 82 गांवों में केवल चार से पांच हिंदू परिवार ही बच गए हैं।
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