हरियाणा के बल्लभगढ़ में दिल्ली-आगरा राजमार्ग को जाम करने वाले युवकों के एक समूह ने रविवार को पुलिस पर पथराव किया, जिससे फरीदाबाद के कम से कम दस पुलिसकर्मी घायल हो गये। इससे पहले युवकों से जाम हटाने को कहा गया था।
पुलिस ने बताया कि इस समूह को तितर-बितर करने के लिये हल्का बल प्रयोग किया। इसके बाद राजमार्ग यातायात के लिये खुल गया। युवकों ने कुछ देर के लिए राजमार्ग को जाम कर दिया था। बल्लभगढ़ के दशहरा मैदान में जिस वक्त महापंचायत शुरू हुयी उसी दौरान यह घटना हुयी। महापंचायत का आयोजन विभिन्न सामाजिक संगठनों ने किया था जिसका मकसद 21 साल की कॉलेज छात्रा निकिता के लिए न्याय की मांग करना था। निकिता की बल्लभगढ़ मे उसके कॉलेज के बाहर गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी । गोली कथित रूप से एक व्यक्ति ने मारी थी जो उस पर विवाह करने के लिये दवाब डाल रहा था। बाद में मुख्य आरोपी तौसीफ समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
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पुलिस ने बताया कि जहां महापंचायत शुरू हुयी, अचानक वहां युवकों का एक समूह पहुंचा और राजमार्ग को जाम कर दिया। प्रदर्शनकारी युवा निकिता हत्याकांड में शामिल आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे थे। उनमें से कुछ ने बाद में अचानक पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया जब उनसे कहा गया कि वे राजमार्ग को जाम नहीं करें। पुलिस ने बताया कि महापंचायत के आयोजकों ने कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि वे लोग कौन हैं।
फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त ओपी सिंह ने फोन पर बताया कि पथराव में दस पुलिसकर्मी घायल हुये हैं। ओपी सिंह ने बताया, ”उनमें से 30 को हिरासत में लिया गया है। स्थिति को तत्काल ही नियंत्रित कर लिया गया।” उन्होंने कहा कि पूछताछ के दौरान पता चला कि 30 युवकों में से अधिकतर फरीदाबाद जिले के बाहर से आये थे। वे गुरूग्राम, मेवात, पलवल, दिल्ली और नोएडा आदि स्थानों से आए थे। पुलिस ने बताया कि कुछ युवकों के पास लाठियां थीं और पत्थर भी थे और वे माहौल खराब करने की पूर्व नियोजित मंशा से यहां आये थे।
महापंचायत को देखते हुये इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती की गयी थी। इस बीच महापंचायत ने निकिता को ‘शहीद’ का दर्जा देने का निर्णय लिया और आरोपियों के लिये सख्त सजा की मांग की।